किडनी की समस्या से जूझ रहे नवाब मलिक की अंतरिम जमानत 6 महीने के लिए बढ़ी, मनी लॉन्ड्रिंग केस में हुए थे गिरफ्तार
Nawab Malik Bail: अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े मामले में ईडी ने नवाब मलिक को फरवरी 2022 में अरेस्ट किया था.
Nawab Malik Interim Bail: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार हुए एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की अंतरिम जमानत को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. 11 अगस्त, 2023 को खराब स्वास्थ्य के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी. किडनी की समस्या बरकरार रहने के चलते उनकी जमानत की अवधि बढ़ाई गई. नवाब मलिक को फरवरी 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से एडिशनल सोलिसिटर जनरल एसवी राजू के पेश होने के बाद जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने नवाब मलिक की अंतरिम जमानत बढ़ा दी. राजू ने कहा था कि जांच एजेंसी को इस पर कोई आपत्ति नहीं है.
बंबई हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
एनसीपी नेता ने ईडी की ओर से जांच किए जा रहे मामले में मेडिकल बेस पर जमानत देने से इनकार करने के बंबई हाईकोर्ट के 13 जुलाई, 2023 के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. अदालत ने पहले कहा था कि मलिक गुर्दे की बीमारी से पीड़ित हैं और पिछले साल 11 अगस्त को दो महीने के लिए अंतरिम जमानत मिलने के बाद से उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. ईडी ने भगोड़े माफिया दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से कथित रूप से जुड़े मामले में मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था.
नवाब मलिक का दावा, वो किडनी के गंभीर रोग से पीड़ित
उन्होंने ने यह दावा करते हुए हाईकोर्ट से राहत का अनुरोध किया था कि वह कई अन्य बीमारियों के अलावा गुर्दे के गंभीर रोग से पीड़ित हैं. उन्होंने गुण दोष के आधार पर जमानत का अनुरोध किया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि वह दो सप्ताह के बाद गुण दोष के आधार पर जमानत के अनुरोध वाली उनकी याचिका पर सुनवाई करेगा.
इस मामले में हुए गिरफ्तार
नवाब मलिक के खिलाफ ईडी का मामला वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध और 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम विस्फोटों के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की ओर से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है.
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