मुंबई: हाल ही में शिवसेना के कार्यकर्ताओं के हमले के शिकार हुए पूर्व नौसैनिक मदन शर्मा ने मंगलवार को कहा कि वह अब से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ जाएंगे.


शर्मा ने स्थानीय बीजेपी नेताओं- मंगल प्रभात लोढा और अतुल भाटखालकर के साथ महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से राजभवन में मुलाकात करने के बाद कहा कि वह चाहते हैं कि जिन लेागों ने उन पर हमला किया उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए.


शर्मा (62) ने कहा,‘‘ आज से मैं बीजेपी-आरएसएस के साथ हूं. जब मुझे पीटा गया था तब उन्होंने मुझपर आरोप लगाया था कि मैं बीजेपी-आरएसएस के साथ हूं. इसलिए मैं अब से बीजेपी-आरएसस के साथ हूं.’’


कोश्यारी को सौंपे पत्र में उन्होंने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र सरकार से इंसाफ नहीं मिला, इसलिए उन्होंने राज्यपाल से इस मुद्दे पर उनकी नाखुशी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तक पहुंचा देने का अनुरोध किया. पत्र में उन्होंने यह भी दावा किया कि शिवसैनिकों के हमले में उनकी आंखों और पीठ में चोट पहुंची .  शर्मा ने आरोप लगाया कि हमलावरों पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस इस घटना के एक घंटे बाद उन्हें ही गिरफ्तार करने पहुंची थी.


शर्मा ने कहा कि इस घटना के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फोन पर उनसे बातचीत की और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले मेरा हालचाल जानने के लिए उनके घर आये. उन्होंने कहा कि लेकिन महाराष्ट्र (सरकार) के किसी भी मंत्री या नेता ने उन्हें फोन नहीं किया या उनके प्रति सहानुभूति नहीं दिखायी.


शर्मा ने यह भी दावा किया कि शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा था कि वह नौसैनिक नहीं हैं, इसतरह उन्होंने उनका और अन्य पूर्व सैनिकों का अपमान किया. उन्होंने कहा, ‘‘ उन्होंने इस घटना का बचाव किया और अब वे मुझे धमकी दे रहे हैं. यह दर्शाता है कि मुझे महाराष्ट्र सरकार से कोई न्याय नहीं मिलेगा.’’ हमले के सिलसिले में शिवसेना के छह कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए हैं.


शर्मा ने पत्र कहा है, ‘‘इसलिए मै आपसे अनुरोध करता हं कि आप इस घटना को लेकर नाशुशी से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अवगत कराएं और उन्हें हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दें ताकि मुझे इंसाफ मिले.


गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का मजाक उड़ाने वाला एक कार्टून कथित रूप से सोशल मीडिया पर फॉरवार्ड करने पर शुक्रवार को मुंबई में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने 62 वर्षीय शर्मा पर हमला किया था.


हमले के बाद शर्मा ने मांग की थी कि मुख्यमंत्री उनसे और देश से माफी मांगें. उन्होंने कहा था कि यदि ठाकरे राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में अक्षम हैं, तो उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए.


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