मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत दिलचस्प हो गई है. विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है, ऐसे में सीएम पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच तल्खी जारी है. इस बीच चार निर्दलीय विधायकों ने शिवसेना को समर्थन देने का एलान किया है. इसके अलावा दो पार्टियों को तीन और विधायकों ने शिवसेना को समर्थन देने का फैसला किया है. बता दें कि कल शिवसेना ने अपने नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई है.


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चार विधायकों में मंजुला गवित, चंद्रकांत पाटिल, आशीष जायसवाल और नरेंद्र भोंडेकर शामिल हैं. इसके अलावा प्रहार जनशक्ति पार्टी के बच्चु काडु और राज कुमार पटेल और क्रांतिकारी शेतकारी पार्टी के शंकरराव गडख ने भी शिवसेना को समर्थन जताया है.






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बता दें कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की है. इसके अलावा उसकी सहयोगी पार्टी शिवेसना को 56 सीटें मिली हैं. अगर दोनों पार्टियां चाहें तो आराम से सरकार बना सकती हैं. दोनों के आंकड़े को मिला दें तो 161 सीटें होती हैं. बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है लेकिन सीएम पद को लेकर दोनों पार्टियों के बीच तनाव बढ़ता ही चला जा रहा है. ऐसे में कल शिवसेना की होने वाली बैठक पर सबकी नजरें रहेंगी.


शिवसेना का कहना है कि लोकसभा चुनाव के समय जिस 50-50 फॉर्मूले पर बात यह हुई थी उसे लागू किया जाए तभी बात बनेगी. यानी ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री हो और ढाई साल बीजेपी का मुख्यमंत्री हो. माना जा रहा है कि बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं है. उधर आज शिवसेना के सीनियर नेता संजय राउत ने साफ तौर पर कहा कि महाराष्ट्र की कुंडली तो वही बनाएंगे. उन्होंने कहा कि किस तारे को चमक देना है, इतनी ताकत आज भी शिवसेना के पास है.


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