भारत में कोरोना संक्रमण को लेकर महाराष्ट्र में हालात सबसे ज्यादा विकट हैं. लेकिन यहां कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराए जाने को लेकर केन्द्र और राज्य सरकार के बीच लगातार खींचतान जारी है. रविवार को केन्द्र की ओर से महाराष्ट्र सरकार को कोवैक्सीन के महज 36,000 डोज प्राप्त हो सके, जबकि महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बकायदा मोदी सरकार को पत्र लिखकर बताया था कि राज्य में 5.5 लाख लोग कोविड (कोवैक्सीन) के दूसरे डोज के लिए इंतजार कर रहे हैं.  


मुंबई में धीमी हुई टीकाकरण की रफ्तार


महाराष्ट्र के पास अब कोविशील्ड के केवल 7.03 लाख डोज बचे हैं, जिनके जरिए टीकाकरण का अभियान केवल 3 दिन तक चलाया जा सकता है. इसकी वजह से मुंबई में टीकाकरण की रफ्तार 67 प्रतिशत की दर से धीमी हो गई है. हालांकि 18 से 44 आयु वर्ग के लोग जिन्हें पहला टीका लगाया जाना है उनके लिए अच्छी खबर ये हैं कि महाराष्ट्र के कोविशील्ड वैक्सीन के 3.5 लाख डोज की दूसरी खेप मिल गई है. ये वैक्सीन महाराष्ट्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से खरीदी थी. इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ने 1 मई को युवा टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिए 3 लाख वैक्सीन महाराष्ट्र को दी थी, जबकि भारत बायोटेक ने कोविशील्ड के 4.79 डोज दिए थे. सीरम इंस्टीट्यूट ने महाराष्ट्र को मई के महीने में वैक्सीन के 13.5 लाख डोज देने का वादा किया था.  


कोवैक्सीन की कमी चिंता की वजह


राज्य के टीकाकरण अधिकारी डॉ. दिलीप पाटिल के अनुसार कोविशील्ड की इस दूसरी खेप के मिल जाने से राज्य में युवाओं का टीकाकरण पहले वाली गति से ही चलता रहेगा. लेकिन कोवैक्सीन की अनुप्लब्धता चिंता का कारण है. इसी वजह से शनिवार की तुलना में रविवार को मुंबई में टीकाकरण के आंकडों में 67 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. महानगर के ज्यादातर वैक्सीनेशन केन्द्रों पर वैक्सीन की कमी देखी गई.


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