Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, मुस्लिम समुदाय की आर्थिक और शैक्षिक स्थिति का जायजा लेने के लिए नियुक्त की संस्था
Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार ने साल 2013 में नियुक्त महमूद-उर-रहमान की अध्यक्षता वाली कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर नई रिपोर्ट सबमिट किए जाने का आदेश जारी किया है.
![Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, मुस्लिम समुदाय की आर्थिक और शैक्षिक स्थिति का जायजा लेने के लिए नियुक्त की संस्था Maharashtra Government Appointed TISS To Get economic and educational status of the Muslim community ANN Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, मुस्लिम समुदाय की आर्थिक और शैक्षिक स्थिति का जायजा लेने के लिए नियुक्त की संस्था](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/22/cb67620f9d27fead24b77e553beaeb611663846144949470_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Maharashtra Government On Muslim Community: महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra) ने राज्य में मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक उत्थान के लिए एक अहम फैसला लिया है. इसके लिए राज्य में मुस्लिम समुदाय की वास्तिव स्थिति का पता लगाने के लिए एक संस्था को विशेष तौर पर इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. महाराष्ट्र सरकार ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज संस्था (TISS) की नियुक्ति कर उसे मुस्लिम समुदाय की आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का जायजा लेने का कार्य सौंपा है.
महाराष्ट्र सरकार ने साल 2013 में नियुक्त महमूद-उर-रहमान की अध्यक्षता वाली कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर नई रिपोर्ट सबमिट किए जाने का आदेश जारी किया है. सरकार के इस कदम पर मुस्लिम समुदाय ने खुशी जाहिर की है. उन्हें उम्मीद है कि सरकार जल्द ही राज्य के मुसलमानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं को लागू करेगी, जिससे की मुस्लिम समुदाय के ज्यादा से ज्यादा लोग आगे बढ़कर महाराष्ट्र और देश की प्रगति में अपना योगदान दें सके.
सरकार ने बजट का किया प्रावधान
दरअसल, राज्य सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय के लिए किए गए प्रयासों और राज्य के विकास के निरीक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए इस संस्था को नियुक्त किया गया है. यही नहीं सरकार ने इसके लिए 33 लाख रुपये के बजट का प्रावधान भी किया है. महमूद-उर-रहमान समिति (Mahmud-UR-Rahman Committee) ने 2013 में अपनी रिपोर्ट तत्कालीन सीएम पृथ्वीराज चव्हाण को सौंपी थी. बता दें कि रिटायर आईएएस अधिकारी महमूद-उर-रहमान की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय समिति में सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस अधिकारी, साथ ही टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) जैसे संस्थानों के प्रोफेसर शामिल थे. इसकी नियुक्ति पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने की थी.
मुस्लिम समुदाय ने किया स्वागात
महाराष्ट्र में हिंदुओं के बाद दूसरी सबसे बड़ी आबादी मुस्लिमों की है. करीब 12 फीसदी मुसलमान (लगभग एक करोड़ 30 लाख से अधिक) हैं. महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार (Eknath Shinde) राज्य में दूसरी सबसे बड़ी आबादी के उत्थान के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है. सरकार किसी भी योजना को लागू करने से पहले उससे संबंधित जानकारी और डाटा इकट्ठा कर रही है. जिससे कि किसी भी योजना को लागू पर उसका फायदा सभी लोगों तक आसानी से पहुंचाया जा सके. सरकार के इस कदम का मुस्लिम समुदाय के बुद्धिजीवियों ने स्वागत किया है.
इसे भी पढ़ेंः-
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)