Maharashtra Politics: महाराष्ट्र सरकार के लिए अगले 48 घंटे बेहद अहम, गवर्नर फ्लोर टेस्ट कराने का ले सकते हैं फैसला
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र की राजनीति और उद्धव सरकार के लिए अगले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी फ्लोर टेस्ट कराने का फैसला ले सकते हैं.
Maharshtra Floor Test: महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की सेना को राहत मिलने के बाद फ्लोर टेस्ट कराने की चर्चा भी तेज हो गई है. इन सब के बीच महाराष्ट्र सरकार (Maharshtra Government) के लिए अगले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं. राज्यपाल (Governor) भगत सिंह कोश्यारी खुद संज्ञान लेते हुए फ्लोर टेस्ट कराने का फैसला ले सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. इसकी बीजेपी (BJP) ने पूरी तैयारी कर ली है. खबर है कि शिंदे की सेना के बिना भी बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है.
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर सीधे राज्यपाल से संपर्क नहीं करेगी. संभावना है कि महाराष्ट्र से किसी छोटी पार्टी का कोई सदस्य फ्लोर टेस्ट की मांग के लिए राज्यपाल से संपर्क कर सकता है क्योंकि एमवीए सरकार के पास पर्याप्त संख्या नहीं है. दूसरा विकल्प ये है कि राज्यपाल स्थिति का स्वत: संज्ञान ले सकते हैं और फ्लोर टेस्ट के लिए कह सकते हैं.
एकनाथ शिंदे की सेना के साथ सरकार बनाने की तैयारी
बीजेपी को भरोसा है कि फ्लोर टेस्ट के बाद मौजूदा एमवीए सरकार गिर जाएगी. सूत्रों का कहना है, बीजेपी एकनाथ शिंदे की सेना के साथ गठबंधन में सरकार बनाएगी. बीजेपी ने सभी विधायकों को मुंबई और आसपास के इलाके में रहने को कहा है ताकि फ्लोर टेस्ट के दौरान सभी मौजूद रहें.
अल्पमत में महाविकास अघाड़ी सरकार
बीजेपी (BJP) दावा कर रही है कि महाविकास अघाड़ी (MVA) की सरकार अल्पमत में चल रही है. बीजेपी के मुताबिक शिवसेना (Shivsena) के पास मात्र 16 विधायक बचे हैं, एनसीपी (NCP) के 53 और कांग्रेस (Congress) के 44 विधायक हैं. तो वहीं एनसीपी के दो मंत्री नवाब मलिक (Nwab Malik) और अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) जेल में हैं तो ऐसे में एनसीपी के पास 51 का आंकड़ा ही बचता है. इसके अलावा महाविकास अघाड़ी को 2 समाजवादी पार्टी (SP) के विधायकों और 3 निर्दलीय विधायकों (Independent) का समर्थन मिल सकता है. इन सभी नंबरों को जोड़ लिया जाए तो भी बहुमत सिद्ध नहीं होता है.