मुंबई: महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोपों की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज कैलाश चांदीवाल के नेतृत्व में कमेटी गठित की है. कमेटी को छह महीने में रिपोर्ट देनी है. परमबीर सिंह ने 20 मार्च को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी थी.
इस चिट्ठी में उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपए एकत्र करने को कहा था.
बता दें कि 17 मार्च को महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस के कमिश्नर पद से हटा दिया था. इसके बाद उन्होंने एनसीपी नेता देशमुख पर आरोप लगाए थे. इसी को आधार बनाकर महाराष्ट्र सरकार में शामिल एनसीपी परमबीर सिंह के आरोपों को झूठ बता रही है.
एंटीलिया केस में मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद से परमबीर सिंह पर सवाल उठाए जा रहे थे और उन्हें पद से हटाए जाने की मांग उठ रही थी. सचिन वाजे को एंटीलिया केस में 13 मार्च को एनआईए ने गिरफ्तार किया था.
उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास 25 फरवरी को एक संदिग्ध कार मिली थी. इसमें जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद हुई थीं. इस मामले की जांच शुरुआत में मुंबई पुलिस कर रही थी बाद में जांच एनआईए को सौंप दी गई.
परमबीर सिंह ने SC और HC का दरवाजा खटखटाया
परमबीर सिंह ने तबादले को रद्द करने और अनिल देशमुख के मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. हालांकि शीर्ष अदालत ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि यह मामला ‘ काफी गंभीर’ है लेकिन याचिकाकर्ता को बॉम्बे हाईकोर्ट जाना चाहिए. इसके बाद परमबीर सिंह ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की. उनकी याचिका पर कल हाई कोर्ट में सुनवाई होगी.