मुंबईः महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को सभी बोर्ड और माध्यमों के स्कूल प्रबंधन को अकादमिक सत्र 2021-22 के लिए फीस में 15 प्रतिशत कटौती करने का निर्देश दिया. स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से जारी एक सरकारी आदेश के अनुसार, यदि फीस का पूरा भुगतान कर दिया गया है तो स्कूलों को उसे वापस करना होगा या अगले अकादमिक सत्र में उस हिसाब से कम फीस लेनी होगी.


फीस जमा नहींं होने पर क्लास से नहीं होंगे वंचित


विवाद की स्थिति में संभागीय शिक्षा शुल्क नियामक संस्था में एक याचिका दायर करनी होगी और उसका फैसला सभी पर बाध्यकारी होगा. आदेश में कहा गया कि सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि कोई छात्र फीस नहीं दे पाता है तो स्कूल प्रबंधन उसे ऑनलाइन या कक्षा में उपस्थित होकर पढ़ाई करने से वंचित नहीं कर सकता.






सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दिए थे निर्देश


बता दें कि बीते महीने सुप्रीम कोर्ट ने अभिभावकों के बचाव में महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वह राजस्थान के स्कूलों को 2020-21 में 15% कम फीस जमा करने के अपने मई के फैसले पर विचार करे. महाराष्ट्र के स्कूलों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश (1 मार्च, 2021) को चुनौती देने वाली एक विशेष अनुमति याचिका दायर की गई थी. जिसमें जीआर (8 मई, 2020) को फीस में कटौती की मांग को चुनौती दी गई थी.


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