NCP विधायकों की 'जासूसी' पर विवाद, अब रेनेसा से हयात होटल में किया गया शिफ्ट
महाराष्ट्र में एनसीपी की सबसे बड़ी चुनौती अपने विधायकों को दूसरी पार्टियों के संपर्क से दूर रखना है. इसी के मद्देनजर आज शाम को पार्टी ने अपने विधायकों को पवई के होटल रेनेसा से सांताक्रूज के होटल हयात में शिफ्ट कर दिया.
मुंबई: शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को विधायकों की खरीद फरोख्त (हॉर्स ट्रेडिंग) का डर सता रहा है. इस बीच पार्टी ने दावा किया है कि जिस होटल में उनके विधायकों को रखा गया था वहां कुछ पुलिसकर्मी सादा वर्दी में थे और जासूसी कर रहे थे. एनसीपी ने अपने विधायकों को अब पवई के होटल रेनेसा से सांताक्रूज के हयात होटल में शिफ्ट कर दिया है.
एनसीपी ने दावा किया कि होटल में दो पुलिस अधिकारी थे. इसका एक वीडियो सामने आया है. जिसमें पार्टी विधायक जितेंद्र अवहाड और कार्यकर्ता पुलिसवालों से पवई के होटल रेनेसा में उनकी मौजूदगी की वजह के बारे में पूछ रहे हैं.
एनसीपी नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार के बीजेपी से हाथ मिलाने और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ घंटों बाद पार्टी विधायकों को शनिवार रात होटल रेनेसा में ठहराया गया था. अवहाड ने एक पुलिसकर्मी से उसके होटल में मौजूद होने की वजह पूछी तो उसने जवाब दिया कि वह वहां सिर्फ 'बैठा' हुआ है. अवहाड ने अधिकारी के पहचान-पत्र की भी जांच की.
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उन्होंने आगे पूछा, “ऐसे वरिष्ठ अधिकारी यहां बिना किसी कारण बैठे हैं? क्या आपको लगता है कि हम मूर्ख हैं.”
विधायकों की खरीद-फरोख्त के डर से कांग्रेस ने अपने विधायकों को JW मेरियट में ठहराया है. वहीं शिवसेना ने विधायकों को होटल ललित में रखा है. दरअसल, शनिवार की सुबह करीब साढ़े सात बजे अजित पवार ने एनसीपी में बगावत कर दी और बीजेपी को समर्थन देने का एलान किया. अजित पवार को महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई और देवेंद्र फडणवीस दोबारा मुख्यमंत्री बने. अब देवेंद्र फडणवीस के सामने बहुमत सिद्ध करने की चुनौती है.
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