नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार को लेकर तस्वीर अभी भी साफ होती नहीं दिख रही, लगातार बैठकों का दौर जारी है लेकिन कोई नतीजा निकल के सामने नहीं आ रहा. इस सबके बीच शरद पवार की सोनिया गांधी के साथ हुई बैठक के बाद कई सारे सवाल भी उठ गए क्योंकि पवार ने साफ तौर पर कहा कि फिलहाल किसी तरह की कोई कोआर्डिनेशन कमेटी नहीं है और ना ही कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) की कोई बात हुई.


पवार के इस बयान पर अब शिवसेना के इस पूरे घटनाक्रम के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर सामने आए संजय राउत का कहना है कि पवार साहब एक बहुत बड़े नेता हैं वह क्या कह रहे हैं हमको उस पर नहीं जाना चाहिए. संजय राउत ने इसी आधार पर राज्य में एक बार फिर से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार की बात की. संजय रावत ने उम्मीद जताई कि महाराष्ट्र की नई सरकार दिसंबर के पहले हफ्ते तक बन जानी चाहिए.


जब संजय राउत ने हंस कर टाला सवाल
जब एबीपी न्यूज़ ने संजय राउत से उनकी और शरद पवार की महाराष्ट्र सरकार को लेकर बातचीत ना होकर किसानों के मुद्दे पर मुलाकात वाले बयान पर सवाल पूछा तो संजय राउत ने उस पर खुलकर कोई जवाब न देकर हंसकर टाल गए. गौरतलब है कि संजय राउत ने पवार से मुलाकात के बाद कहा था कि वह महाराष्ट्र के किसानों के मुद्दे को लेकर पवार से मिलने आए हैं.



संजय राउत (फाइल फोटो)

सरकार बनाने को लेकर क्या शिवसेना बदल रही है विचारधारा!
शिवसेना हमेशा से ही कट्टर हिंदुत्व की बात करती रही है अब हिंदुत्व के सवाल पर कह रही है कि हिंदुत्व एक विचारधारा है और शिवसेना हमेशा नेशन फर्स्ट की बात करती है और देश के मामले में यही मानते हैं. यानी कि हमेशा हिंदुत्व के मुद्दे पर मुखर रहने वाली शिवसेना अब हिंदुत्व से ज्यादा राष्ट्र और राज्य हित की बात कर रही है.


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राउत ने दी नतीजा भुगतने की धमकी
संजय राउत लगातार बीजेपी सरकार के ऊपर पिछले कुछ वक्त से हमलावर रुख अपनाए हुए हैं. संजय राउत ने बीजेपी नेताओं के उन बयानों पर सीधा हमला किया जिसमें बीजेपी नेताओं ने शिवसेना को एनडीए से बाहर करने की बात कही थी.


गौरतलब है कि सामना में भी आज इसको लेकर बीजेपी सरकार पर हमला किया गया है और संजय राउत ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि एनडीए से हमको किस आधार पर निकाला गया एनडीए का अध्यक्ष कौन है? कन्वेनर कौन है ? जिसने शिवसेना को एनडीए से निकालने का फैसला लिया एक मंत्री आता है और ऐसा बयान दे देता है आखिर यह तय किसने किया?


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संजय राउत यहीं नहीं रुके उन्होंने तो शिवसेना को सत्ता पक्ष से हटाकर विपक्ष के साथ बैठा देने को लेकर सरकार के फैसले पर कड़ा विरोध दर्ज करवाते हुए कहा कि उनको इसकी एक बड़ी कीमत चुकानी होगी. जाहिर तौर पर हमला बीजेपी पर था. यानी साफ तौर पर बीजेपी और शिवसेना के बीच कड़वाहट दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है और इस सब के बीच शरद पवार और कांग्रेस की तरफ से अभी तक शिवसेना को कोई ठोस जवाब ही नहीं मिला है.


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