मुंबई: महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम पल-पल बदल रहा है. दिनभर मुंबई, जयपुर और दिल्ली में राजनीतिक दलों के बीच बैठकों का सिलसिला जारी रहा. इस बीच तय समय में सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने में असफल रही शिवसेना के बाद अब राज्यपाल ने एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया है. एनसीपी के नेताओं का कहना है कि मंगलवार को कांग्रेस के साथ बैठक के बाद सरकार बनाने को लेकर अपना रुख स्पष्ट करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र की राजनीति के मुद्दे पर चर्चा के लिए कल 10 बजे पार्टी कोर ग्रुप की बैठक बुलाई है.


10 प्वाइंट्स में जानें आज क्या-क्या हुआ?


1. रात के करीब 9:30 बजे एनसीपी के नेता राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले. कोश्यारी ने इससे ठीक पहले तीसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते एनसीपी को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया. राज्यपाल को यह कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि शिवसेना और बीजेपी दोनों तय समय में सरकार बनाने के लिए दावा करने में असफल रही.


2. आज करीब सात बजे शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे राज्यपाल से मिले और सरकार बनाने के लिए 48 घंटे का अतिरिक्त समय मांगा. राज्यपाल ने समय देने से इनकार कर दिया. आदित्य ठाकरे ने सोमवार रात राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि दोनों दल (कांग्रेस और एनसीपी) ने पार्टी नीत सरकार को समर्थन देने की सैद्धांतिक सहमति जताई है, लेकिन राज्यपाल ने संख्याबल जुटाने के लिए उनकी पार्टी के और वक्त मांगने के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है.


3. इससे पहले रविवार को सबसे बड़े दल बीजेपी ने शिवसेना के समर्थन से इनकार के बाद सरकार बनाने से हाथ पीछे खींच लिया था. जिसके बाद राज्यपाल ने शिवसेना को आज शाम सात बजकर 30 मिनट तक का वक्त दिया था. माना जा रहा था कि शिवसेना को कांग्रेस और एनसीपी का साथ मिलेगा और वह आसानी से सरकार बना लेगी. लेकिन कांग्रेस ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया.


4. सरकार बनाने के लिये शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस ने फैसला किया कि वह अपनी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से और बातचीत करेगी. कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल द्वारा जारी बयान में कहा गया, “कांग्रेस अध्यक्ष ने शरद पवारजी से बात की है. पार्टी एनसीपी से और चर्चा करेगी.”


आदित्य ठाकरे बोले- राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए और वक्त नहीं दिया


5. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस से समर्थन के लिए सोनिया गांधी को फोन भी किया. लेकिन सोनिया गांधी ने कहा कि पहले विधायकों से बात की जाएगी फिर सरकार को समर्थन देने पर फैसला लिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस हाईकमान बाहर से समर्थन देने के पक्ष में था लेकिन कांग्रेस के विधायकों का कहना था कि पार्टी सरकार में शामिल हो.सोनिया गांधी ने जयपुर में मौजूद अपने विधायकों को फोन कर उनसे शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर राय ली.


6. सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र के मुद्दे पर चर्चा के लिए अपने नई दिल्ली स्थित आवास पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की लेकिन पार्टी किसी भी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंची. कल एक बार फिर सोनिया गांधी ने बैठक बुलाई है.


7. उद्धव ठाकरे ने सोनिया गांधी से फोन पर बात करने से पहले मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की. ठाकरे ने पवार से महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए उनकी पार्टी के समर्थन का अनुरोध किया. सूत्रों ने बताया कि 45 मिनट की इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने कृषि मुद्दे समेत ‘न्यूनतम साझा कार्यक्रम’ पर भी चर्चा की जो सरकार बनने की स्थिति में उनकी सरकार के लिए दिशानिर्देश का काम करेगा.


8. इससे पहले हिन्दुत्व की विचाराधारा से बंधा बीजेपी-शिवसेना का तीन दशक से अधिक पुराना गठबंधन महाराष्ट्र में ‘मुख्यमंत्री पद’ के मुद्दे पर टूट गया. महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच केंद्र में भारी उद्योग मंत्री और शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने एनडीए सरकार से इस्तीफा दे दिया. यहां ध्यान रहे कि शरद पवार की एनसीपी ने शर्त लगायी थी कि वह शिवसेना के एनडीए से अलग होने के बाद ही सहयोग पर विचार करेगी और सरकार के लिये साझा न्यूनतम कार्यक्रम तय होगा.


महाराष्ट्र: कांग्रेस के कन्फ्यूज़न ने शिवसेना को फंसाया, राज्यपाल ने नहीं दिया दो दिन का वक्त


9. सरकार गठन में क्यों हुई देरी? महाराष्ट्र में सभी 288 सीटों पर 21 अक्टूबर को वोट डाले गए थे. इस चुनाव में शिवसेना-बीजेपी और एनसीपी कांग्रेस गठबंधन कर चुनाव लड़ी. 24 अक्टूबर को नतीजों की घोषणा की गई. इस चुनाव में बीजेपी को 2014 के चुनाव के मुकाबले 17 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. शिवसेना ने मौका देख बीजेपी को पुराने वादे की याद दिलाई और कहा कि ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री शिवसेना का भी बनेगा. बीजेपी ने साफ-साफ शब्दों में इससे इनकार कर दिया.


10. महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें है और सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की जरूरत होती है. चुनाव में बीजेपी ने 105, शिवसेना ने 56, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती है. अब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों को जोर दिया जाए तो यह संख्या 154 पहुंच जाती है जो सरकार बनाने के लिए काफी है. लेकिन इस फॉर्मूले पर अब तक कोई आखिरी निर्णय नहीं हो सका है.