Cyclone Tauktae: चक्रवात ‘ताउते’ के खतरे से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने की ये तैयारियां
इस चक्रवात का असर पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में पड़ सकता है. इन जिलों के डीएम को सभी जरूरी एहतियात बरतने के लिए कहा गया है.
मुंबई: चक्रवात ‘ताउते’ के खतर को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने बड़े स्तर पर तैयारियां की हैं. राज्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, तटरक्षक दल, इंडियन नेवी को अलर्ट पर रखा गया है. महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की 12 टीमें तैनात की गई हैं. राज्य के तटीय जिलों में प्राधिकारियों को स्थिति से निपटने के लिए चौकन्ना रहने और साजो-सामान तैयार रखने के निर्देश दिए हैं.
इन जिलों पर पड़ सकता है असर
इस चक्रवात का असर पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में पड़ सकता है. इन जिलों के डीएम को बचाव उपकरण और फोर्स के लिहाज से सभी जरूरी एहतियात बरतने के लिए कहा गया है.
समुद्र किनारे के जिलों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और रायगड जिले में समुद्र किनारे रहने वालों को बड़े स्कूल, कॉलेज और कैम्प में शिफ्ट किया गया है. रत्नागिरी से 3896 ,सिंधुदुर्ग से 144 और रायगढ़ से 2500 लोगों को शिफ्ट किया गया है.
17 मई के लिए रायगढ़ ज़िले में रेड अलर्ट. मुंबई, ठाणे, पालघर, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
मुंबई में क्या हैं तैयारियां
- दहिसर, मुलुंड और बीकेसी जम्बो कोविड सेंटर बंद. मुंबई के सभी वैक्सीनेशन सेंटर सरकारी व प्राइवेट बंद रहेंगे.
- कोविड मरीजों को शनिवार और रविवार के दिन मुंबई के अलग-अलग अस्पतालों में शिफ्ट किया गया.
- आपात स्थिति के लिए 100 लाइफ गार्ड को समुद्री किनारों पर तैनात किया गया है. मुंबई के जुहू बीच पर 10 से ज्यादा लाइफ गार्ड तैनात किए हैं.
- चक्रवात के मद्देनजर बांद्रा वर्ली सी लिंक बंद रहेगा. समुद्री किनारों पर लोगों की आवाजाही गाड़ियों की आवाजाही बंद रहेगी.
- मुंबई में NDRF की 3 टीमें तैनात की गई है.
- मुंबई महानगर पालिका को मुंबई में नोडल एजेंसी बनाया गया है जिससे अन्य संस्था संपर्क में हैं.
सरकार की ओर जारी किए गए निर्देश
- महाराष्ट्र के कोस्टल इलाके में हाई अलर्ट.
- अस्पतालों में बिजली सेवा बाधित ना हो यह सुनिश्चित करने के आदेश.
- कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित ना हो यह सुनिश्चित किया जाए. सप्लाई रुकने पर बैकअप की तैयारी रखने को कहा गया.
- मरीजों को इलाज में रुकावट ना हो, जरूरत के मुताबिक मरीजों को शिफ्ट किया जाए.
- कच्चे घरों में रहने वाले लोगो को सुरक्षित जगह शिफ्ट करने के निर्देश.
- मंत्रालय का कंट्रोल रूम, अन्य जिलों के कंट्रोल रूम से जुड़ा रहे.
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