Maharashtra: महाराष्ट्र में छोटे-बड़े दुकानों के आगे बड़े अक्षरों में लगाने होंगे मराठी साइन बोर्ड, व्यापारी संगठनों ने किया विरोध
Marathi Signboard: फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन शाह ने कहा कि दुकानों के बोर्ड पर 'मराठी' शब्द लिखने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन फॉन्ट साइज को लेकर आपत्ति है.
Maharashtra Marathi Signboard: महाराष्ट्र में अब छोटे-बड़े हर दुकानों के आगे मराठी भाषा में साइन बोर्ड लगाने होंगे. दुकानों में बोर्ड पर मराठी भाषा को अब बड़े अक्षरों में लिखना अनिवार्य कर दिया गया है. सरकार के इस फैसले का व्यापारी संगठनों ने विरोध किया है. महाराष्ट्र में नियम है कि दुकानों के नाम पट मराठी में भी होने चाहिए, लेकिन कई दुकानदार मराठी नाम छोटे अक्षरों में लिखते थे और अंग्रेजी में बड़े अक्षरों में. बुधवार को महाराष्ट्र कैबिनेट ने ये नियम पारित किया कि मराठी नाम बड़े अक्षरों में लिखना अनिवार्य है. व्यापारी संगठनों ने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है.
दुकानों में बोर्ड पर मराठी नाम बड़े अक्षरों में लिखना अनिवार्य
फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन शाह ने कहा कि दुकानों के बोर्ड पर 'मराठी' शब्द लिखने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन दुकान के बोर्ड पर मराठी नाम लगाते समय फॉन्ट साइज ज्यादा होनी चाहिए ऐसी जबरदस्ती राज्य सरकार को नहीं करना चाहिए. राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय में कहा गया कि दुकानों के बोर्ड पर मराठी शब्द होने चाहिए. हमारा विरोध दुकानों में मराठी नाम लिखने से नहीं है बल्कि मराठी नाम देते समय फॉन्ट के संबंध में लिए जा रहे निर्णय से है.
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व्यापारी संगठनों ने फॉन्ट साइज को लेकर विरोध
दरअसल महाराष्ट्र में दुकानों में बोर्ड पर मराठी नाम लिखने को लेकर फैसला 2017 में ही किया गया था लेकिन व्यवहार में ये लागू नहीं हो पा रहा था. दुकानदार अपनी दुकानों में नाम की पट्टी बड़े अंग्रेजी के अक्षरों में लिखते थे और सिर्फ खानापूर्ति के लिए बोर्ड के किसी एक साइड में मराठी में भी छोटे अक्षरों में नाम लिख देते थे. सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में बोर्ड पर मराठी भाषा बड़े अक्षरों में लिखने के आदेश को सख्ती से लागू करने का फैसला हुआ है. बता दें कि महाराष्ट्र में सत्ताधारी शिवसेना की प्रतिद्वंद्वी राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने दुकानों में साइनबोर्ड मराठी में भी लगवाने की मांग लेकर बड़ा आंदोलन चलाया था. कई जगहों पर इसका असर भी दिखा था.
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