कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार को सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश कर रहे नेताओं की रैलियों पर रोक लगानी चाहिए. उन्होंने यह मांग महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ‍(मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे द्वारा एक मई को रैली किये जाने की घोषणा के एक दिन बाद की है. ठाकरे ने दो अप्रैल को गुड़ी पड़वा के मौके पर एक रैली के दौरान तीन मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की चेतावनी दी थी. ठाकरे ने कहा था कि यदि ऐसा न हुआ तो तेज आवाज में हनुमान चालीसा पढ़ा जाएगा.


पटोले ने कहा, 'ऐसे बयान से सांप्रदायिक तनाव पैदा करके, लोगों को प्रभावित करने वाले महंगाई जैसे मुद्दों को दरकिनार किया जा रहा है. संविधान ने सभी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार दिया है. महाराष्ट्र सरकार को सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाले नेताओं की रैलियों की अनुमति नहीं देनी चाहिए.' उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, कृषि संकट और औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं से निपटने में असमर्थ है, इसलिए सांप्रदायिक मुद्दों के जरिये लोगों का ध्यान भटका रही है.


पटोले ने कहा, 'मैं एक हिंदू हूं और हर रोज हनुमान चालीसा पढ़ता हूं, लेकिन मुझे अपने धर्म के बारे में दिखावा करने की जरूरत नहीं है. हमें प्रार्थना करने के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है. जो लोग दूसरे धर्मों की आलोचना करते हैं, वे वास्तव में संविधान में विश्वास नहीं करते हैं.' उन्होंने कहा कि लोग भाजपा की साजिश को समझने लगे हैं, जो 12 अप्रैल को कई राज्यों में हुए उपचुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी.


राज ठाकरे के बारे में पटोले ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने पहले मनसे प्रमुख को कठपुतली कहा था और केवल फडणवीस ही बता सकते हैं कि ठाकरे किसकी कठपुतली हैं. पटोले ने दावा किया कि मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली में रामनवमी और हनुमान जयंती के दौरान दंगे हुए हैं और सभी जानते हैं कि इन गड़बड़ी के पीछे कौन से समूह थे. लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा करने के प्रयास विफल रहे.


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