मुंबई: क्या कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के बहाने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के करीबियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश हो रही है? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि मुंबई महानगरपालिका और राज्य सरकार की दूसरी एजेंसियों ने नये जंबो कोविड सेंटर बनाने के लिये जो टेंडर निकाले हैं उनमें कुछ ऐसी शर्तें रखीं हैं जिनका फायदा आदित्य के कथित करीबियों को ही होगा. इन टेंडर्स को लेकर राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी ठाकरे सरकार को घेर रही है.


सेहत के मामलों से जुड़े तमाम जानकारियां ये चेतावनी दे रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर भी आने जा रही है. इस तीसरी लहर से निपटने के लिये महाराष्ट्र सरकार ने तैयारियां भी शुरू कर दीं हैं, लेकिन बीजेपी को इन तैयारियों की आड़ में घोटाले की बू आ रही है. कोविड से निपटने के बहाने शिवसेना नेता और सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के करीबियों को मालामाल करने की साजिश बीजेपी को नजर आ रही है. बीजेपी ने बीएमसी पर एक गंभीर आरोप लगाया है.


मुंबई के महालक्ष्मी रेसकोर्स में प्रस्तावित जंबो कोविड-सेंटर  के लिए जारी किए गए टेंडर की शर्तें इस तरह से रखी गई हैं जिससे कि मंत्री आदित्य ठाकरे के करीबियों को इसका फायदा मिल सके. बीएमसी में स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर और बीजेपी से पार्षद विनोद मिश्रा का कहना है कहना है कि टेंडर की शर्तों के मुताबिक वही कंपनी इस टेंडर में हिस्सा ले सकेगी जिसे इस तरह के कोविड-जम्बो सेंटर बनाने का अनुभव हो. इस तरह का काम पहले किया हो और खास बात यह है कि महाराष्ट्र में इस तरह का सेंटर बनाया हो. साथ ही 75 ऑक्सिजनेटेड बेड की सुविधा बनाई हो. इसी तरह 60 आईसीयू/एचडीयू बेड्स की सुविधा पिछले 3 सालों में बनाई हो. जबकि एमएमआरडीए ने मलाड में प्रस्तावित जम्बो सेंटर के लिए जो शर्ते रखी उसमें कहा गया है कि कंपनी ने एमएमआर रीजन में 6700 sqm फ्लोर एरिया का काम किया हो और सफलतापूर्वक कोविड सेंटर बनाया हो.


दरअसल, मुंबई में पिछले साल जो बड़े कोविड-19 सेंटर बनाये गए उसमें से दहिसर, महालक्ष्मी और मुलुंड जैसे जंबो सेंटर का काम राहुल गोम्स की कंपनी ‘ऑक्स मैनेजमेंट कंसलटेंसी प्राइवेट लिमिटेड’ दिए गए थे. बीजेपी के मुताबिक राहुल गोम्स आदित्य ठाकरे के करीबी माने जाते हैं. गोरेगांव के नेस्को सेंटर में बना कोविड-19 जंबो सेंटर डोमिनिक रोमेल जो रोमेल रियालिटी के मालिक है उन्हें दिया गया था. बीजेपी की नजर में ये भी आदित्य ठाकरे का करीबी हैं.


मुंबई में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच बीएमसी महालक्ष्मी में ये सेंटर बनाने जा रही है. इससे पहले मुम्बई में बांद्रा के बीकेसी, गोरेगांव नेस्को और दहिसर में जम्बो सेंटर बनाये गए है. बीजेपी का आऱोप है कि जिन ठेकेदारों ने पिछले सेंटर बनाये हैं,  उन्हें ही फिरसे ठेके मिल सकें इस वजह से आदित्य ठाकरे के निर्देश पर सत्ताधारी शिवसेना के कहने पर इस तरह की शर्तें रखीं गईं हैं. वहीं, मुंबई की महापौर किशोरी पेडणेकर ने इन आरोपो को खारिज कर दिया और कहा कि बीजेपी राजनीति के चलते ऐसे आरोप लगा रही है. 


बीजेपी की ओर से खत मिलने के बाद एमएमआरडीए ने तो अपनी शर्तों में कुछ बदलाव कर दिये जिससे कि दूसरी ठेकेदार भी बिना भेदभाव के बोली लगा सकें लेकिन बीएमसी ने अब तक शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया है. इससे जाहिर होता है कि ठेके पाने के लिये ज्यादा प्रतिस्पर्धा नहीं हो सकेगी.


इस सिलसिले में एबीपी न्यूज़ ने आदित्य ठाकरे और उनके कथित करीबी बिल्डरों का पक्ष जानने के लिये सम्पर्क किया. इसमें से राहुल गोम्स का जवाब आया. उनका कहना है कि उनकी कम्पनी इस बार टेंडर प्रोजेक्ट्स में हिंसा नहीं ले रही है.


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