महाराष्ट्र विधानसभा के सत्र की आज गुरुवार से शुरुआत हो गई. सत्र के पहले दिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को महा विकास अघाडी (MVA) के विधायकों के विरोध का सामना करना पड़ा. राज्यपाल कोश्यारी जब सदन को संबोधित कर रहे थे तो MVA के विधायक नारेबाजी करने लगे, जिसके कारण भगत सिंह कोश्यारी को बीच में ही अपना भाषण छोड़कर जाना पड़ा.
MVA के विधायकों का विरोध सदन के बाहर भी जारी रहा. एनसीपी विधायक संजय दौंड ने विरोध में 'शीर्षासन' किया. राज्यपाल ने हाल ही में छत्रपति शिवाजी महाराज पर कथित रूप से विवादास्पद बयान दिया था. MVA के विधायक सदन में और सदन के बाहर उनके बयान का विरोध कर रहे थे.
इससे पहले भगत सिंह कोश्यारी को राज्य भर में भी विरोध का सामना करना पड़ा था. राज्य के कई जगहों पर उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए. राज्यपाल ने एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर गुरु समर्थ रामदास स्वामी नहीं होते तो आज छत्रपति शिवाजी को कौन पूछता?
बढ़ते हुए विरोध को देखते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने जलगांव में पत्रकारों से बात करते हुए अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ महाराष्ट्र के ही नहीं, राष्ट्र के भी प्रेरणास्रोत हैं. मुझे जितना पता था, जितना मैंने शुरुआती समय में पढ़ा था, उसके आधार पर यही जानता था कि समर्थ रामदास स्वामी उनके गुरु थे. अब मुझे लोगों ने इतिहास के कुछ अलग तथ्य बताए हैं. मैं उन तथ्यों का अध्ययन करूंगा.
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