मुंबई: महाराष्ट्र में लगभग सभी मुख्य दलों ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर ली है लेकिन अभी तक किसी भी दल ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है. इस बीच राज्यपाल इस स्थिति पर महाराष्ट्र के एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोणी से बात करेंगे और राज्य की स्थिति पर सलाह लेंगे. इसके बाद राज्यपाल राज्य के दूसरे बड़े अधिकारियों से भी मिलेंगे. मौजूदा महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है.


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अभी तक किसी दल ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है, इसके पीछे की वजह है बहुमत का आंकड़ा. किसी पार्टी के पास बहुमत का आंकड़ा मौजूद नहीं है. हालांकि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है उसके पास 105 विधायक हैं. सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों के समर्थन की जरुरत है.


चुनाव से पहले तो शिवसेना और बीजेपी साथ थे लेकिन चुनाव नतीजों के बाद से ही दोनों के बीच तल्खी बढ़नी शुरू हो गई. शिवसेना ने बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं. शिवसेना इस मांग पर अड़ गई कि राज्य में ढाई ढाई साल दोनों पार्टियों का सीएम हो. इस मांग के पीछे उन्होंने 50-50 फॉर्मूल का हवाला दिया और कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी और शिवसेना के बीच यही तय हुआ था.


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तल्खी बढ़ती गई और अब तो शिवसेना यहां तक दावा कर रही है कि उनके पास इतनी संख्या मौजूद है कि वे राज्य में अपना सीएम बना सकते हैं. संजय राउत ने कहा कि वे विधानसभा के फ्लोर पर इसे साबित भी कर देंगे. उन्होंने कहा कि बिना विकल्प के वे बात नहीं करते हैं.


हालांकि शिवसेना की सरकार कैसे बनेगी और उसे कौन समर्थन देगा इसका भी कोई एलान नहीं किया गया है. बस कयासों की ही दौर जारी है. कहा जा रहा है कि एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन से शिवसेना की सरकार बन सकती है लेकिन न ही एनसीपी ने इसका एलान किया है और न ही कांग्रेस ने इस तरह की कोई घोषणा की है.


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