Navneet Rana Hanuman Chalisa Row: हनुमान चालीसा विवाद को लेकर करीब 12 दिनों तक जेल में रहीं निर्दलीय सांसद नवनीत राणा की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं. उनके खिलाफ महाराष्ट्र सरकार कोर्ट में याचिका दायर करने का विचार कर रही है. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि नवनीत राणा के खिलाफ कोर्ट की अवमानना को लेकर याचिका दायर की जाएगी. क्योंकि उन्होंने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है.
कोर्ट ने शर्तों पर दी थी जमानत
दरअसल 12 दिनों तक जेल में रहने के बाद सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को कोर्ट से जमानत मिल गई थी. लेकिन कोर्ट ने जमानत देते हुए कई शर्तें भी बताई थीं, जिनका उल्लंघन करने पर जमानत रद्द करने की बात कही गई थी. जमानत की शर्तों में एक शर्त ये भी थी कि नवनीत राणा और उनके पति इस विवाद या इस केस से लेकर मीडिया में कोई भी बयान जारी नहीं कर सकते हैं. लेकिन नवनीत राणा ने अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही मीडिया से बात की और अपनी गिरफ्तारी को लेकर बयान दिया.
अस्पताल से छुट्टी के बाद दिया बयान
दरअसल नवनीत राणा को जमानत के बाद से ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जेल में ही उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद अब 8 मई रविवार को उनकी अस्पताल से छुट्टी हो गई. अस्पताल के बाहर मौजूद मीडिया से बात करते हुए नवनीत राणा ने सीएम उद्धव ठाकरे पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि, उनकी लड़ाई लगातार जारी रहेगी. अपनी गिरफ्तारी पर बोलते हुए नवनीत राणा ने कहा कि, अगर हनुमान चालीसा पढ़ना गुनाह है तो वो 14 दिन की नहीं बल्कि 14 साल की जेल की सजा भुगतने को तैयार हैं. इतना ही नहीं नवनीत राणा ने सीएम उद्धव ठाकरे को उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती तक दे डाली.
किस मामले में हुई थीं गिरफ्तार?
बता दें कि सांसद नवनीत राणा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था. उन्होंने इसके साथ ही चुनौती दी थी कि उन्हें जो रोक सके रोक ले... इसके बाद शिवसेना के सैकड़ों कार्यकर्ता उनके घर के बाहर जमा हो गए और जमकर प्रदर्शन किया. लेकिन इस दौरान नवनीत राणा बाहर नहीं निकलीं. दिनभर चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद आखिरकार नवनीत राणा ने अपना फैसला वापस ले लिया. लेकिन इसी दौरान मुंबई पुलिस की एक टीम उनके घर पहुंची और उनके पति के साथ उन्हें गिरफ्तार कर लिया. दोनों पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया. इसके बाद दोनों के खिलाफ राजद्रोह की धारा भी लगा दी गई. कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा, लेकिन 14 दिन पूरे होने से पहले ही दोनों को जमानत मिल गई.
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