मुंबई: महाराष्ट्र सरकार मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के रोक के आदेश को चुनौती देगी. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने ये बात कही. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल में एक अंतरिम आदेश पारित करते हुए 2018 के राज्य के उस कानून के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी जिसमें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय को आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया था.
उधर बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मराठा आरक्षण के क्रियान्वयन पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वह स्तब्ध हैं. विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने कहा कि कोर्ट का इस संबंध में फैसला असाधारण है, क्योंकि बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण मुहैया करने वाले 2018 के अधिनियम को कायम रखा था.
यह अधिनियम उस वक्त पारित किया गया था, जब राज्य में फडणवीस नीत बीजेपी-शिवसेना सरकार सत्ता में थी. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर राज्य की मौजूदा शिवसेना नीत सरकार पर तंज भी किया. उन्होंने कहा, ‘‘तार्किक दलील देने के बजाय कुछ नेता इस विषय को लेकर केंद्र पर उंगली उठा रहे हैं. यह अपने खराब कामकाज से ध्यान भटकाने का बचकाना बहाना है.’’
वहीं महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि जब पुलिस भर्ती की जाएगी तो राज्य सरकार मराठा समुदाय को न्याय दिलाने का प्रयास करेगी. ट्विटर पर साझा किये गये एक वीडियो संदेश में देशमुख ने कहा कि सरकार कानूनी पहलुओं की जांच के बाद समुदाय के लिए 13 प्रतिशत पदों को अलग रखेगी. महाराष्ट्र कैबिनेट ने बुधवार को 12 हजार 528 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती को मंजूरी दी थी. मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है कि मराठा आरक्षण बना रहे.