Nitish Rana Couple vs Shiv Sena: महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर विवाद इतना बढ़ गया है कि बात अब पुलिस थाने से लेकर जेल और अदालत तक जा चुकी है. इस पूरे मामले में महाराष्ट्र के एक सांसद और एक विधायक इस वक्त जेल में हैं. महाराष्ट्र की राजनीति में जब से हनुमानजी की एंट्री हुई है, तब से हनुमान चालीसा पढ़ने का मुद्दा राज्य की सियासत में छाया हुआ है और सभी पार्टियां इस बहती गंगा में किसी न किसी तरह से हाथ धोने की कोशिश कर रही हैं.

 

इसी कड़ी में महाराष्ट्र के अमरावती जिले से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा है जो कि निर्दलीय विधायक हैं. उन्होंने ऐलान कर दिया कि हम उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. अपने इस ऐलान के बाद बीते शुक्रवार की सुबह राणा दंपत्ति गुपचुप मुंबई भी आ पहुंचे. राणा दंपत्ति मुंबई पहुंचकर खार इलाके में एक घर पर ठहरे. जैसे ही शिव सैनिकों को इस बात की जानकारी मिली उन्होंने उस घर का घेराव करना शुरू कर दिया. हिंसा होने के खतरे को भांपते हुए मुंबई पुलिस राणा दंपत्ति के पास पहुंची और उन्हें CRPC की धारा 149 के तहत एक नोटिस थमाते हुए कहा कि ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश ना करें क्योंकि इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है.

 

राजद्रोह का आरोप लगाया गया

 

राणा दंपत्ति हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए मातोश्री तो नहीं जा सके लेकिन हवालात जरूर पहुंच गए. खार पुलिस थाने की टीम उनके घर पहुंची और उन्हें पकड़ कर हवालात ले गई पहले दोनों के ऊपर समुदायों के बीच धर्म के आधार पर द्वेष पैदा करने का आरोप लगाया और उसके बाद राजद्रोह का आरोप भी मढ़ दिया. एक दूसरी FIR भी दर्ज की गई, उस FIR में राणा दंपत्ति पर सरकारी काम में अड़ंगा डालने का आरोप लगाया गया क्योंकि राणा दंपत्ति ने कथित तौर पर उन पुलिसकर्मियों से बदसलूकी की थी जो कि उन्हें गिरफ्तार करने गए थे. जब दोनों को अदालत में पेश किया गया तो पुलिस ने उनकी रिमांड मांगी लेकिन अदालत ने रिमांड देने से मना कर दिया. दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इसके बाद नवनीत राणा को भायखला की महिला जेल में रखा गया है और भायखला से 42 किलोमीटर दूर नवी मुंबई की तलोजा जेल में उनके पति रवि राणा को रखा गया है.

 

बीजेपी राणा दंपत्ति के कंधे पर बंदूक रखकर शिवसेना पर निशाना साध रही

 

सवाल ये उठता है कि आखिर एक निर्दलीय विधायक और एक निर्दलीय सांसद को शिवसेना ने इतनी तवज्जों क्यों दी. बीजेपी का कहना है कि शिवसेना अब हिंदुत्ववादी पार्टी नहीं रह गई, उसने सैकुलर वादियों के साथ हाथ मिला लिया है. राणा दंपत्ति हनुमान चालीसा पढ़ने के अपने ऐलान के जरिए बीजेपी के उसी कथानक को मजबूत करते नजर आ रहे थे. शिवसेना ने ये खुलकर आरोप लगाया कि बीजेपी राणा दंपत्ति के कंधे पर बंदूक रखकर शिवसेना पर निशाना साध रही है.

 

बीजेपी ने राणा दंपत्ति की गिरफ्तारी का विरोध किया

 

शिवसेना का यह आरोप उस वक्त सच साबित हुआ जब बीजेपी खुलकर राणा दंपत्ति के समर्थन में आ गई. बीजेपी ने राणा दंपत्ति की गिरफ्तारी का विरोध किया जिस शाम राणा दंपति को गिरफ्तार किया गया उसी शाम बीजेपी नेता किरीट सोमैया खार पुलिस थाने राणा दंपत्ति की खैर खबर लेने के लिए पहुंच गए. किरीट सोमैया को वहां देख थाने के बाहर जमा हुए शिव सैनिक भड़क गए और उनपर हमला कर दिया. 

 

राणा आनंदराव अडसुल को हराकर सांसद बनीं थीं

 

वैसे इस पूरे विवाद का अमरावती कनेक्शन भी है. नवनीत राणा अमरावती से शिव सेना के दिग्गज नेता आनंदराव अडसुल को हराकर सांसद बनीं थीं.  इस लोकसभा सीट पर लगातार 20 सालों से शिव सेना का कब्जा था जो राणा ने छीन लिया. इस बात को लेकर राणा के प्रति शिव सेना की खुन्नस पहले से थी. दरअसल यह पूरा विवाद अब से 3 हफ्ते पहले कब शुरू हुआ था जब राज ठाकरे ने एक सभा के दौरान मस्जिदों पर लगाए जाने वाले लाउडस्पीकर पर आपत्ति जताई थी राज ठाकरे ने ऐलान किया है कि अगर 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए तो उनके कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाएंगे.