Aaditya Thackeray Challenged CM Shinde: महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) पर सीएम एकनाथ शिंदे को चुनौती देने को लेकर निशाना साधा है. तानाजी सावंत (Tanaji Sawant) ने शनिवार (11 फरवरी) को कहा कि मेरे पास स्वास्थ्य विभाग है और 4 मेंटल हॉस्पिटल हैं. मैं सीएम को सलाह दूंगा कि जिस आदमी का दिमाग खराब हो गया है, उसे उन अस्पतालों में से एक में भर्ती कराया जाए जहां जगह खाली होने वाली है. 


महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) नेता आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के सीएम शिंदे को अपने पद से इस्तीफा देने और अपनी लोकप्रियता साबित करने के लिए वर्ली सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. उन्होंने कहा, "मैं असंवैधानिक मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) को मेरे खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने की चुनौती देता हूं. अगर वह मानते हैं कि वह बेहद लोकप्रिय और बहुत मजबूत हैं और उनमें चुनाव लड़ने की हिम्मत है, तो उन्हें मेरे खिलाफ मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहिए." 


शिंदे गुट ने आदित्य के बयान को बताया 'बचकाना'


आदित्य ठाकरे अपने पिता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती महा विकास अघडी (एमवीए) सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. वे वर्ली से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वर्तमान विधायक हैं. बालासाहेबंची शिवसेना (शिंदे गुट) ने आदित्य ठाकरे की इस बयान को 'बचकाना' करार दिया है. इससे पहले बालासाहेबंची शिवसेना के प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा था कि आदित्य ठाकरे शाखा प्रमुख (स्थानीय पार्टी इकाई प्रमुख) भी नहीं हैं और उन्हें खुद की तुलना सीएम से करना बंद कर देना चाहिए, जो एक बड़े नेता हैं. 


"चुनौती देना ठीक नहीं है"


शिवसेना के शिंदे गुट के कई और नेताओं ने आदित्य ठाकरे पर हमला बोला है. विधायक मंगेश कुदलकर ने कहा, "मैं आदित्य ठाकरे को बताना चाहता हूं कि चुनौती देना ठीक नहीं है. शिंदे सरकार शानदार काम कर रही है. मैं उनसे हमारे साथ काम करने का अनुरोध करता हूं. चलो मैं कुर्ला से इस्तीफा दे दूंगा, उन्हें भी इस्तीफा देना होगा और मेरे खिलाफ चुनाव जीतकर खुद को साबित करना चाहिए." 


आदित्य ठाकरे की राजनीतिक समझ पर उठाया सवाल


राज्य सरकार में मंत्री दीपक कासरकर ने आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) की राजनीतिक परिपक्वता पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा, "आदित्य ठाकरे इस तरह के बयान दे रहे हैं क्योंकि वह अपरिपक्व हैं. वर्ली (Worli) से उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए दो लोगों को एमएलसी बनाया गया जिन्होंने उनके लिए काफी मेहनत की. हम यह भी कह सकते हैं कि उन्हें वर्ली से इस्तीफा दे देना चाहिए और ठाणे से चुनाव लड़ना चाहिए, लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि यह हमारी संस्कृति में नहीं है." 


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