Nashik Trimbakeshwar Temple Case: महाराष्ट्र के नासिक स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में कुछ दिनों पहले कुछ मुस्लिम युवकों ने हरी चादर चढ़ाने की कोशिश की थी. इसके बाद इस मामले ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है. महाराष्ट्र के गृहमंत्री और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ADG के नेतृत्व में SIT गठित कर दी है और मामले की जांच की जा रही है. वहीं अब इस मामले को लेकर सकल हिंदू समाज के लोग प्रदर्शन करने पर उतर गए हैं.


आपको बता दें कि इसी महीने शनिवार (13 मई) को मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने मंदिर में चादर चढ़ाने की कोशिश की थी, और उस समय मंदिर के बाहर ही उन्हें रोक लिया गया था. इस मामले के बाद इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी तेज़ी से वायरल होने लगा.


SIT ने 4 लोगों के खिलाफ दर्ज की FIR


घटना की गंभीरता को देखते हुए SIT ने 4 लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज की है. ये चार लोग अकील यूसुफ सैयद, सलमान अकील सैयद, मतीन राजू सैयद और सलीम बक्शु सैयद हैं. ये सभी लोग त्र्यंबकेश्वर ताल के रहने वाले हैं. गृहमंत्री फडणवीस ने कहा की यह SIT न केवल इस साल की घटना की जांच करेगी, बल्कि पिछले साल की घटना की भी जांच करेगी, जब एक निश्चित भीड़ मुख्य प्रवेश द्वार के जरिए से कथित तौर पर त्र्यंबकेश्वर मंदिर परिसर में प्रवेश कर गई थी.


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, "इस राज्य में सभी जाति- पाति के लोग रहते हैं और क़ानून व्यवस्था बनाए रखने की ज़िम्मेदारी शासन की है, लेकिन इसमें नागरिकों को भी सहयोग करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा की कहीं पर भी जातीय तनाव न हो इस लिए सभी समाजों के लोगों को आगे बढ़कर सहयोग करने की आवश्यकता है." 


आए दिन ऐसी हिंसा और दंगे... 
इस मामले पर बवाल होना शुरू होने पर समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आजमी ने कहा, "उन्हें इसमें कोई बड़ी साज़िश नजर आती है. उन्हें शक है कि मुस्लिम शख्स मंदिर में चादर चढ़ाने गया. जो सही मायने में मुसलमान है वो कभी ऐसी हरकत नहीं कर सकता. UP में भी दो-तीन बार ऐसी घटनाएं हुई हैं, जहां लड़के मुस्लिम नहीं निकले." उन्होंने कहा डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अब इस मामले की जांच के लिए SIT जांच की बात कही है, तो फिर सच सामने आ ही जाएगा." 


उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र में ज्यादातर हिंसा और दंगे इसलिए हो रहे हैं क्योंकि कोई ना कोई हिन्दू देवी-देवताओं के बारे में या पैगंबर मोहम्मद या किसी दूसरे संत-महात्मा के खिलाफ कुछ भी बोलता है और सोशल मीडिया पर पोस्ट डालता है. शिंदे सरकार को इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. जो लोग ऐसा करते हैं, उनके खिलाफ आतंकी धाराओं के तहत कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन ऐसा सिर्फ किसी एक ही धर्म के लिए नहीं होना चाहिए.


सीसीटीवी फुटेज की जांच
इस मामले में मंदिर ट्रस्ट की ओर से एक शिकायत अर्जी त्र्यंबकेश्वर पुलिस स्टेशन में दी गई थी. नासिक रेंज आईजी शेखर पाटिल ने मंदिर परिसर में आकर ट्रस्ट के सीसीटीवी फुटेज चेक कर आगे की कार्रवाई के संकेत दिए. मंदिर की सुरक्षा की भी जांच की. साथ ही संदल आयोजक से भी मुलाकात की.


संदल के आयोजकों में से एक मतीन सय्यद का दावा है कि वो लोग लोबान दिखाने हर साल आते हैं. उन्होंने कहा कि दरगाह है. त्र्यंबकेश्वर मंदिर जब से बना तब से है और तब से हमलोग संदल निकालते हैं और ये मंदिर के सामने से गुजरता है. भगवान का जो उत्तर दरवाजा है, उसकी सीढ़ी से हम लोबान भगवान को दिखाते हैं और आगे निकल जाते हैं.


मंदिर के ट्रस्टी ने कही ये बात
मंदिर के ट्रस्टी प्रशांत गैधानी का कहना है, "संदल जुलूस वालों का मंदिर में आने का कोई जिक्र नहीं है. साल में उनके दो-तीन जुलूस निकलते हैं. अनेक हिंदू भाई भी उनके जुलूस में शामिल होते हैं, लेकिन मंदिर में इन लोगों के आने का कोई तुक नहीं बनता, जो भी पालकी आती है उसका जिक्र ट्रस्ट की डायरी में किया गया है. यदि ऐसा होता, तो ट्रस्ट की डायरी में भी इसका जिक्र किया गया होता या हम खुद भी उसका जिक्र करते कि जुलूस का हम स्वागत करते हैं."


उन्होंने आगे कहा, "सीढ़ी तक क्या, बल्कि ट्रस्ट के मंदिर परिसर में जाने का कोई अधिकार नहीं है और कोई कारण भी नहीं है." गैधानी ने कहा की, "जो वीडियो आया है उसकी जांच होनी चाहिए. हमारी मांग यह है कि जांच में ये सामने आए की उनकी मंशा क्या थी? अगर धार्मिक भावना से आए थे, तो मंदिर बंद होने बाद जाने का क्या उद्देश्य था. मंदिर में आये कई भक्त बाहर निकल रहे थे और इनलोगों की वजह से उनको बाहर निकलने का रास्ता भी बदलना पड़ा था और जो वीडियो में दिख रहा है मंदिर में घुसने की कोशिश करने वाले वे सब युवा पीढ़ी दिख रही है." 


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