महाराष्ट्र: अस्पतालों ने भर्ती करने से किया इनकार, गर्भवती महिला ने ऑटो रिक्शा में तोड़ा दम
अस्पतालों की इस लापरवाही का खामियाजा एक 22 वर्षीय गर्भवती महिला को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा. महिला के घर वाले उसे लेकर अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे पर किसी ने उसे एडमिट नहीं किया.
मुम्बई: मुंबई के नजदीक ठाणे के मुंब्रा इलाके से एक दिल दहला देने वाली और दुखद घटना सामने आई है जहां एक गर्भवती महिला को अस्पताल में इलाज ना मिलने से उसने ऑटो रिक्शा में दम तोड़ दिया. जबकि दूसरी गर्भवती महिला को लेबर पेन के बावजूद अस्पताल में दाखिला नहीं मिला. घटना 25 मई और 26 मई के दिन मुंब्रा इलाके की है. मुंब्रा की रहने वाली 26 साल की आसमां मेहंदी को लेबर पेन होने लगा. आसमां को उचित इलाज़ के लिए इलाके के तीन अस्पतालों के चक्कर लगाए पर तीनों ने भर्ती करने से मना कर दिया. अस्पतालों के चक्कर लगाते लगाते आसमां ने दम तोड़ दिया.
22 साल की गर्भवती महिला महक खान के साथ भी यही हुआ. महक को लेबर पेन के बाद कई अस्पतालों में लेकर जाया गया लेकिन किसी भी अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया. महक खान के परिवार के लोगों ने मुंब्रा पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई. मुंब्रा पुलिस के जांच अधिकारी बालासाहेब काम्बले के मुताबिक, ''पीड़ितों के परिवार के शिकायत के बाद आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. मुंब्रा पुलिस ने महक खान और आसमा मेहंदी को पीड़ित बताकर मुंब्रा पुलिस ने तीन अस्पतालों के खिलाफ FIR दर्ज किया है जिन्होंने इन दोनों गर्भवती महिलाओं को अपने अस्पताल में दाखिल करने से मना किया था. मुंब्रा पुलिस इस मामले की तहकीकात कर रही है.''
FIR कॉपी के मुताबिक सबसे पहले बिलाल अस्पताल , उसके बाद प्राइम क्रिटीकेयर अस्पताल और फिर यूनिवर्सल हॉस्पिटल पर आसमां को ले जाया गया पर इन तीनों जगहों पर महक को एडमिट करने से मना कर दिया गया.
भाजपा विधायक और प्रवक्ता राम कदम ने यह वीडियो ट्वीट कर सरकार पर टिप्पणी की है. राम कदम ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि महाराष्ट्र सरकार को बार-बार सचेत करने के बावजूद भी सरकार नहीं जाग रही है और मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा है, और मरीजों की मौत इस तरह सड़क पर हो रही है.
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