Sanjay Raut Custody Extended: पात्रा चॉल भूमि घोटाला (Patra Chawl Land Scam) मामले में शिवसेना (Shiv Sena) सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) की न्यायिक हिरासत 19 सिंतबर तक के लिए बढ़ा दी गई है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने संजय राउत को 1 अगस्त के दिन मुंबई के उत्तरी उपनगरों में एक पुनर्विकास परियोजना से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में गिरफ्तार किया था.


बता दें, राउत आठ दिनों के लिए ईडी की हिरासत में थे जब उन्हें 9 अगस्त को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. ईडी ने कहा था कि उनको अब आगे उनसे पूछताछ करने की जरूरत नहीं है. दरअसल, राउत को अपने सह आरोपी प्रवीण राउत से कांदिवली में पात्रा चॉल की पुनर्विकास परियोजना से अपराध की आय प्राप्त करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था.


 राउत ने आरोपों से किया था इनकार


ईडी ने शुरुआती समय में दावा करते हुए कहा था कि, राउत के परिवार को 1.06 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष लाभार्थी के रूप में मिले और बाद में दावा किया कि 2.25 करोड़ रुपए के एक नए निशान की उन्हें खबर मिल ही. वहीं, राउत ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया.  


पात्रा चॉल केस क्या है?


शिवसेना नेता संजय राउत पात्रा चॉल जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंस हुए हैं. इस स्कैम की शुरूआत साल 2007 में हुई. आरोप है कि महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी यानी MHADA के साथ प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की मिलीभगत से घोटाले को अंजाम दिया गया. 


म्हाडा ने पात्रा चॉल के रिडेवलपमेंट का कार्य गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया था जिसमें 1034 करोड़ के घोटाले का आरोप है. ये कंपनी प्रवीण राउत की है. पात्रा चॉल में 3 हजार फ्लैट बनाए जाने थे जिनमें से 672 फ्लैट चॉल के निवासियों को मिलने थे. वहीं, प्राइवेट बिल्डरों को जमीन बेचने का उन पर आरोप है.


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