Maharashtra-Karnataka Border Dispute: महाराष्ट और कर्नाटक के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर हुई बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी नेताओं को सलाह दी. उन्होंने विपक्षी नेताओं से पूरे मुद्दे पर संयम बरतने को कहा है. 


गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ''राजनीतिक विरोध जो भी हो, दोनों राज्यों के नेता इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाएंगे. मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस, एनसीपी और उद्धव गुट इस बात में सहयोग करेंगे कि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं बने.'' उन्होंने आगे बताया कि जिन बड़े नेताओं के नाम से फर्जी ट्वीट किए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और उन्हें जनता के सामने बेनकाब किया जाएगा. फर्जी ट्वीट्स के मामलों पर एफआईआर भी करेंगे. 


अमित शाह ने क्या कहा? 


आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनी है. दोनों राज्यों से कानून व्यवस्था ठीक रहे और किसी को परेशानी न हो इसके लिए एक सीनियर आईपीएस अधिकारी की अगुआई में यह कमेटी गठित की जाएगी. दोनों राज्यों से छह सदस्यों की यह टीम होगी. 


मामला क्या है?


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कर्नाटक के उनके समकक्ष बसवराज बोम्मई के साथ एक बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि सीमा विवाद का हल सड़कों पर नहीं, बल्कि सिर्फ संवैधानिक तरीकों से किया जा सकता है. शाह ने कर्नाटक में 865 मराठी भाषी गांवों पर महाराष्ट्र के दावा करने के बाद सीमावर्ती क्षेत्र में हिंसा भड़कने पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दिल्ली बुलाया था.


विवाद को लेकर क्या बोले अमित शाह?


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीमा विवाद को लेकर बताया कि कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था. इसके समाधान के लिए मैंने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, गृह मंत्री और वरिष्ठ साथियों को दिल्ली बुलाया था. दोनों पक्षों के साथ बहुत अच्छे माहौल में बात हुई है.  


अमित शाह ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का इसपर फैसला नहीं आ जाता, कोई भी राज्य इस बारे में एक-दूसरे राज्य पर दावा नहीं करेगा. दोनों तरफ से 3-3 मंत्री बैठेंगे और इसपर चर्चा करेंगे. दोनों राज्यों के बीच और मुद्दे भी हैं, इनका निवारण भी ये मंत्री करेंगे.


यह भी पढ़ें- Border Dispute: महाराष्ट्र के 11 गांवों को कारण बताओ नोटिस, कर्नाटक में शामिल होने से 10 ने किया इनकार