(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Border Dispute: महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर डिप्टी CM फडणवीस का दावा- 'खुफिया रिपोर्ट में पता चला है कि...'
Border Row: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य की सीमा पर स्थित कुछ गांवों के पड़ोसी राज्यों में शामिल होने की मांग एक साजिश का हिस्सा है.
Maharastra Karnataka Border Dispute: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि राज्य की सीमा पर स्थित कुछ गांवों के पड़ोसी राज्यों में शामिल होने की मांग एक साजिश का हिस्सा है. कुछ खास राजनीतिक दलों के पदाधिकारी इसमें शामिल हैं.
राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन में फडणवीस ने कहा कि ये पदाधिकारी बैठकें कर रहे हैं और सीमावर्ती गांवों को पड़ोसी राज्यों में विलय के लिए उन्हें प्रस्ताव दे रहे हैं.
सीमा विवाद पर गरमा रहा है राजनीतिक माहौल
कर्नाटक के साथ सीमा विवाद के तूल पकड़ने को लेकर राज्य में राजनीतिक माहौल गरमाने के बीच फडणवीस ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में सीमावर्ती इलाकों में स्थित गांवों ने कर्नाटक, गुजरात और अन्य राज्यों में खुद का विलय करने की मांग की है.
'शिंदे सरकार के आने के बाद से सीमा विवाद बढ़ा'
फडणवीस के पास गृह विभाग का भी प्रभार है. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि (इस साल जून में) शिंदे सरकार के आने के बाद से सीमा विवाद बढ़ा है. उन्होंने कहा, "खुफिया रिपोर्ट से यह संकेत मिलता है कि अन्य पड़ोसी राज्यों में विलय करने की ये सभी मांगें एक साजिश का हिस्सा हैं...कुछ ने कहा है कि हम गुजरात, आंध्र प्रदेश में विलय चाहते हैं...ऐसा करने वाले राजनीतिक दल के पदाधिकारियों के बारे में सरकार के पास सभी सूचना है." उन्होंने कहा कि सरकार यह सूचना उपयुक्त समय पर सदन के समक्ष रखेगी.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने क्या कहा
महाराष्ट्र और कर्नाटक में जारी सीमा विवाद के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) का बड़ा बयान आया है. सीमा विवाद पर एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र में विरोधियों के निशाने पर लिया था विपक्षी पार्टियां मुख्यमंत्री पर हमला कर सवाल पूछ रही हैं.
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विरोधियों को राजनीति नहीं करने की सलाह दी है. एकनाथ शिंदे ने कहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित (Amit Shah) ने हमारी अपील पर मध्यस्थता की है और पहली बार सीमा विवाद मुद्दे को गंभीरता से लिया गया है.
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