महाराष्ट्र के इस गांव में उठी पुनर्मतदान की मांग, पुलिस ने लगाई रोक, जानें क्या है वजह?
Election Dispute: मालशिरस के ग्रामीणों ने 3 दिसंबर को पुनर्मतदान कराने की मांग की, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया. राकांपा के विजयी उम्मीदवार उत्तम जानकर ने प्रशासन से चर्चा कर ये कदम उठाया.
Maharashtra Election Dispute: महाराष्ट्र के मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों ने 3 दिसंबर को मतदान से संबंधित ‘‘पुनर्मतदान’’ की योजना बनाई थी जिसमें मतपत्रों से चुनाव प्रक्रिया दोबारा कराने की बात कही गई थी. बता दें कि यह कदम राकांपा (एसपी) उम्मीदवार उत्तम जानकर की जीत पर सवाल उठाने के कारण उठाया गया. स्थानीय लोग ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर संदेह जताते हुए मतपत्रों से पुनर्मतदान कराने की मांग कर रहे थे.
पुलिस प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार यानी आज क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया. मालशिरस के उप-मंडल अधिकारी ने सोमवार (2 दिसंबर) को निषेधाज्ञा लागू कर दी थी जिसके तहत 2 से 5 दिसंबर तक क्षेत्र में किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन या संघर्ष से बचने के लिए कड़े प्रतिबंध लगाए गए थे. पुलिस ने ग्रामीणों को चेतावनी दी थी कि यदि उन्होंने अपनी योजना पर आगे बढ़ने का प्रयास किया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
राकांपा नेता उत्तम जानकर की हस्तक्षेप से स्थिति शांत हुई
राकांपा (एसपी) के विजयी उम्मीदवार उत्तम जानकर ने पुलिस अधिकारियों से बैठक की और ग्रामीणों से संवाद किया जिसके बाद ग्रामीणों ने अपनी ‘‘पुनर्मतदान’’ की योजना रद्द कर दी. जानकर ने कहा ‘‘हमने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे बातचीत के बाद ग्रामीणों ने अपनी योजना को समाप्त कर दिया.’’ इसके बाद पुलिस ने मतदान केंद्र पर सुरक्षा कड़ी कर दी और सभी आवश्यक सामग्री जब्त करने की चेतावनी दी.
ग्रामीणों का आरोप, ‘‘ईवीएम परिणामों में गड़बड़ी’’
मार्कडवाडी गांव के निवासियों ने आरोप लगाया कि मतदान के दिन गांव में 2000 मतदाता थे जिनमें से 1900 ने वोट डाले. फिर भी ईवीएम के नतीजों में जानकर को केवल 843 वोट मिले जबकि भाजपा के राम सतपुते को 1003 वोट मिले. जिसके बाद ये परिणाम संदिग्ध प्रतीत हुए और ग्रामीणों ने ईवीएम के आंकड़ों पर भरोसा नहीं किया. इस कारण उन्होंने मतपत्रों से पुनर्मतदान कराने की योजना बनाई थी, लेकिन प्रशासन ने इसका विरोध किया.
पुलिस ने दी चेतावनी
पुलिस उपाधीक्षक नारायण शिरगावकर ने कहा ‘‘हमने ग्रामीणों को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने किसी भी प्रकार से मतदान केंद्र पर हस्तक्षेप किया तो उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे.’’ प्रशासन के कड़े रुख को देखते हुए ग्रामीणों ने अपनी योजना को बंद करने का निर्णय लिया, लेकिन जानकर ने कहा कि वे इस मुद्दे को निर्वाचन आयोग और न्यायपालिका के पास ले जाने का प्रयास करेंगे.
आगे क्या करेंगे गांववासी?
गांव वासियों ने अपनी योजना तो रद्द कर दी है, लेकिन उनका विरोध अभी खत्म नहीं हुआ है. जानकर ने यह भी कहा कि वे इस मुद्दे को निर्वाचन आयोग और अन्य संबंधित प्राधिकारियों के सामने उठाएंगे. उनका कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता तब तक उनका विरोध जारी रहेगा.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिले 132 सीटें
हाल ही में संपन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन (भाजपा) ने 230 सीटों में से 132 सीटें जीती थीं जबकि राकांपा के अजित पवार ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी को केवल 46 सीटें ही मिल पाई थीं. इस चुनाव में विपक्षी दलों ने कई मुद्दों को उठाया है जिसमें ईवीएम के परिणाम और मतपत्रों से ‘‘पुनर्मतदान’’ का सवाल अहम रहा.