मुंबई: पुणे के मोटर वाहन विभाग में तैनात डीआईजी निशिकांत मोरे पर नवी मुंबई की एक लड़की ने छेड़खानी का आरोप लगाया है. लेकिन बीते सोमवार से वो लड़की लापता है. जिसकी वजह से उसके घर वाले परेशान हैं और नवी मुंबई पुलिस उसकी तलाश कर रही है. लेकिन इस मामले में एक और नया मोड़ आ चुका है. बुधवार को इस मामले की कोर्ट में सुनवायी थी. डीआईजी पर आरोप लगाने वाली पीड़ित लड़की के घर वाले अदालत पहुंचे थे. पीड़ित लड़की के पिता के मुताबिक जब इस मामले की सुनवायी शुरू होने वाली थी, तभी उनके पास एक शख्स आया और उसने उनको धमकी दी कि मैं सीएम का ड्राइवर हूं. केस वापस ले लो. कोर्ट में ज्यादा मुंह मत खोलो.


पीड़िता के पिता के मुताबिक इस धमकी से वो डर गये थे. उन्होंने मोबाइल से उस शख्स का वीडियो भी बना लिया था और जब जांच पड़ताल की तो पता चला वो महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ चलने वाले स्क्वाड का ड्राइवर है. उसका नाम दिनकर साल्वे है. कुछ दिन पहले ही उसकी यहां पर पोस्टिंग हुई है. जानकारी में यह भी बात सामने आई है कि दिनकर मोरे का संबंध डीआईजी निशिकांत से भी है. जिसकी वजह से हो सकता है कि वो लड़की के घर वालों पर दबाव बनाने के लिये कोर्ट में पहुंचा था और डीआईजी पर आरोप लगाने वाली लड़की के घर वालों को केस वापस लेने की धमकी दी.


फिलहाल सीएम के ड्राइवर से जुड़ा ये मामला जब खबर बन गया तो महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है. ड्राइवर दिनकर साल्वे की नियुक्त कुछ दिन पहले ही ड्राइवर के तौर पर हुई है लेकिन अभी वो छुट्टी पर है. अगर दोषी पाया जाता है तो तत्काल उसे निलंबित किया जायेगा.


आपको बता दें की 26 दिसंबर 2019 को नवीमुंबई के तलोजा पुलिस स्टेशन में डीआईजी निशिकांत मोरे के खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत एक महिला ने शिकायत दर्ज करायी थी. महिला का आरोप था कि डीआईजी ने एक पार्टी में उसके साथ छेड़खानी की थी. लेकिन बीते सोमवार को नवीं मुंबई पुलिस उस वक्त सक्ते में आ गयी जब पीड़ित लड़की गायब हो गयी और घर पर एक सुसाइड नोट मिला की वो डीआईजी की धमकी से परेशान है. अब वो जीना नहीं चाहती. अब उसकी तलाश न की जाये वो आत्महत्या करने जा रही है.


फिलहाल पुलिस की टीम अभी भी इस पीड़िता महिला की तलाश में जुटी है. डीआईजी निशिकांत मोरे की भी तलाश जारी है. फिलहाल डीआईजी निशिकांत मोरे की तरफ से अदालत में अग्रिम जमानत के लिये अर्जी दाखिल की गयी थी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है. मतबल अब आरोपी डीआईजी की गिरफ्तारी होना तय है.