मेट्रो परियोजना के लिए चीन की कंपनी के साथ कॉन्ट्रेक्ट रद्द करे केंद्र- जितेंद्र आव्हाड
लद्दाख में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों की शहादत के बाद लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने केंद्र सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई है. उन्होंने दिल्ली-मेरठ मेट्रो के चीनी कंपनी को दिए गए ठेके को रद्द करने की मांग की.
मुम्बई: लद्दाख में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों की शहादत के बाद लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है. चीन के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद लोग चीनी उत्पाद के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं. इस बीच महाराष्ट्र के मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने केंद्र सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई है. उन्होंने दिल्ली-मेरठ मेट्रो के काम के लिए चीन की कम्पनी को दिए गए ठेके रद्द करने की मांग की.
दिल्ली-मेरठ मेट्रो का ठेका रद्द करने की मांग
महाराष्ट्र सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कोटे से मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने केंद्र सरकार पर हल्ला बोला. उन्होंने बुधवार को अनुबंध रद्द करने की मांग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘आत्मनिर्भर भारत की बात करने के बाद ठेका चीन की कम्पनी को दे दिया गया. किसने ठेका दिया? रेलवे किसके अधिकार क्षेत्र में आता है?’’ उन्होंने पूछा कि क्या रेलवे केन्द्र सरकार के अधीन नहीं आता है?
केंद्र की विदेश नीति पर मंत्री ने उठाए सवाल
मंत्री ने कहा,‘‘ 12 जून को दिल्ली-मेरठ मेट्रो परियोजना का काम भारतीय कम्पनी ‘एलएंडटी’ को नजरअंदाज करते हुए चीन की कम्पनी ‘शंघाई टनल इंजीनियरिंग कम्पनी’ को दे दिया गया. फिर 15 जून को चीन ने हमारे 20 जवान को मार दिया." उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि ये कैसी विदेश नीति है? उन्होंने आश्चर्य जताते हुए केंद्र सरकार से चीन को सबक सिखाने की मांग की. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को चीन की तीन कंपनियों के साथ कुल 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक की सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस बीच रेलवे ने लिया चीनी फर्म के साथ 471 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने का फैसला किया है.
भारत-चीन तनाव के बीच रेलवे ने लिया फैसला- चीनी फर्म के साथ 471 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट रद्द किया