महाराष्ट्र के मंत्री ने पूछा- फ्रांस के दूतावास ने मॉडर्ना की वैक्सीन खरीदी, ये कैसे हुआ?
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक के दावों पर बीजेपी नेता प्रवीण दारेकर ने कहा कि उनके इस आरोप की एकदम सटीक जानकारी नहीं है. मेरी जानकारी के मुताबिक प्रत्येक दूतावास ने यहां काम कर रहे अपने कर्मचारियों के लिए कोविड-19 टीके की व्यवस्था की है.
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एनसीपी नेता नवाब मलिक ने आज दावा किया कि भारत स्थित फ्रांसीसी दूतावास ने मॉडर्ना के कोविड-19 रोधी टीके खरीदे और नवी मुंबई स्थित अपने नागरिकों को लगाया जबकि देश में केवल तीन टीकों को ही मंजूरी दी गई है.
राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने केंद्र से जानना चाहा कि ‘बिना अनुमति’ टीके को कैसे यहां रह रहे फ्रांसीसी नागरिकों और उनके परिजनों को लगाने की अनुमति दी गई.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता मलिक ने पूछा कि अगर फ्रांसीसी दूतावास खरीद सकता है तो केंद्र क्यों नहीं यह टीका भारत के लोगों के लिए खरीद सकता है .
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक-V तीन टीके हैं जिनकी मंजूरी हमारी सरकार ने भारत में दी है. मुझे मिली सूचना के मुताबिक फ्रांसीसी दूतावास ने मॉडर्ना के टीके खरीदे और नवी मुंबई में अपोलो अस्पताल की मदद से अपने नागरिकों और उनके परिजनों को लगाए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सवाल है कि कैसे बिना मंजूरी वाले टीके को लगाने की अनुमति दी गई? अगर वे हासिल कर सकते हैं तो क्यों नहीं भारत सरकार हमारे नागरिकों के लिए प्राप्त कर सकती है. सरकार और स्वास्थ्यमंत्री डॉ. हर्षवर्धन को स्पष्ट करना चाहिए.’’
मलिके के दावे के जवाब में बीजेपी नेता प्रवीण दारेकर ने कहा, ‘‘उनके इस आरोप की एकदम सटीक जानकारी नहीं है. मेरी जानकारी के मुताबिक प्रत्येक दूतावास ने यहां काम कर रहे अपने कर्मचारियों के लिए कोविड-19 टीके की व्यवस्था की है. हालांकि, महाराष्ट्र सरकार राज्य में अपने लोगों का ध्यान नहीं रख रही है और गैर मुद्दे पर उंगली उठा कर समय व्यर्थ कर रही है.’’ विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘ यह जनता के प्रति इस सरकार की संवेदनशीलता को दिखाता है.’’
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