मुंबई: अपने बयान को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे महाराष्ट्र के मंत्री गिरिश महाजन ने आज माफी मांगते हुए कहा कि उनका इरादा महिलाओं की भावनाओं को आहत करना नहीं था. महाजन ने कहा था कि महिलाओं के नाम पर शराबों के ब्रैंड का नाम रखने से शराब की बिक्री में उछाल आ सकता है.
महाराष्ट्र के नंदूरबार जिले में शनिवार को एक चीनी मिल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ने कहा था, ‘‘यदि आप शराब या किसी उत्पाद की मांग बढ़ाना चाहते हैं तो इसका नाम किसी महिला के नाम पर रख दें और देखें कि कैसे मांग में उछाल आता है .’’ बहरहाल उनके इस बयान को लेकर एक श्रमिक संगठन की महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है.
राज्य के जल संसाधन मंत्री महाजन ने मुंबई में कहा, ‘‘मुझे अपने बयान पर खेद है, मैं माफी मांगता हूं. मेरा इरादा महिलाओं की भावनाओं को आहत करना नहीं था.’’ उन्होंने कहा कि ‘‘हल्के-फुल्के अंदाज’’ में उन्होंने यह टिप्पणी की थी और यह ‘‘बिना किसी मंशा की गलती है.’’ वहीं असंगठित क्षेत्र के श्रमिक यूनियन श्रमिक एलगार की अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता परोमिता गोस्वामी की ओर से कल जिले के मूल पुलिस थाने में मंत्री के खिलाफ शिकायत दाखिल की गई .
शिकायतकर्ता गोस्वामी ने कहा कि मंत्री ने यह कहकर महिलाओं का अपमान किया कि ब्रैंड का नाम महिलाओं के नाम पर रखने से शराब की बिक्री में उछाल आएगा. गोस्वामी ने बताया, ‘‘संविधान के अनुच्छेद 47 के प्रावधानों के तहत सरकार को राज्य में शराब पर पाबंदी लागू करना है . एक मंत्री के ऐसे बयान से मैं हिल गई और इसलिए पुलिस शिकायत दर्ज कराई .’’ उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस यदि मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करती है तो वह विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगी .
मूल थाने के निरीक्षक जयवंत चव्हाण ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है. महाराष्ट्र सरकार ने 2015 में विदर्भ क्षेत्र के चंद्रपुर जिले में शराब की खरीद-बिक्री, उत्पादन और उपभोग पर पाबंदी लगा दी थी.
वहीं बयान को लेकर महाजन की लगातार आलोचना हो रही है. राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि मंत्री शराब के आदी हैं और हम महाराष्ट्र की महिलाओं से अपील करते हैं कि बाहर निकलकर इस तरह की मानसिकता के खिलाफ लड़ें.’’ शिवसेना ने भी अपने मुखपत्र में महाजन पर निशाना साधा.
शिवसेना ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में कई स्थानों पर महिलाएं शराब बिक्री के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. इसके बारे में जानकारी होने के बावजूद महाजन ने इस तरह की टिप्पणी की जो दुर्भाग्यपूर्ण है.’’