मुंबई: विपक्ष के पुणे में एक युवती की मौत के मामले से नाम जोड़े जाने के बाद काफी दिनों से सार्वजनिक तौर पर नहीं दिखे महाराष्ट्र के वन मंत्री संजय राठौड़ मंगलवार को वाशिम जिले में मंदिर में पूजा करने पहुंचे. बाद में उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज भी किया.


पड़ोसी जिले वाशिम स्थित पोहरादेवी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद राठौड़ ने दावा किया कि युवती की ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ मृत्यु के बाद ‘गंदी राजनीति’ का खेल खेला जा रहा है. शिवसेना नेता ने विश्वास जताया कि मामले की जांच के बाद सच सामने आएगा. राज्य में विपक्षी दल बीजेपी राठौड़ को मंत्री पद से हटाने और युवती की मौत की विस्तृत जांच कराने की मांग कर रही है.


23 साल की युवती की मौत का राठौड़ से संबंध का आरोप


पुणे के हडपसर में एक इमारत से गिर कर आठ फरवरी को 23 वर्षीय युवती की मौत हो गई थी. सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट में और विपक्षी दल बीजेपी ने आरोप लगाया था कि पुणे में हुई 23 साल की युवती की मौत का राठौड़ से कुछ संबंध है. मंगलवार को राठौड़ यवतमाल स्थित अपने आवास से सड़क मार्ग से पड़ोसी जिले वाशिम स्थित पोहरादेवी मंदिर गए और वहीं पूजा-अर्चना की. मंदिर में बड़ी संख्या में मंत्री के समर्थक उपस्थित थे. शिवसेना नेता राठौड़ अपने गृह जिले यवतमाल के प्रभारी मंत्री भी हैं.


पूजा के बाद मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में राठौड़ ने कहा कि वह और बंजारा समुदाय दोनों ही युवती की मौत से दुखी है और मृतक के परिवार के साथ है. मंत्री ने कहा कि घटना को लेकर उनके परिवार और समुदाय (बंजारा) को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए.


मीडिया पर जो कहा जा रहा है उसमें कोई तथ्य नहीं है- राठौड़


राठौड़ ने कहा, ‘‘हमारे समुदाय की पूजा चव्हाण की पुणे में मौत दुर्भाग्यपूर्ण है. पूरा समुदाय उसकी मौत से दुखी है. मैं और हमारा पूरा समुदाय दुख की इस घड़ी में चव्हाण परिवार के साथ है.’’ उन्होंने कहा कि घटना के बाद जैसी राजनीति की जा रही है वह गलत और आधारहीन है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको बता सकता हूं कि मीडिया या सोशल मीडिया पर जो कहा जा रहा है उसमें कोई तथ्य नहीं है.’’


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और पुलिस अपना काम कर रही है. मंत्री ने कहा, ‘‘... मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मुझे, मेरे परिवार और मेरे समुदाय को बदनाम ना करें। जांच के निष्कर्ष का इंतजार करें.’’ जब एक पत्रकार ने उनसे दो सप्ताह तक कथित रूप गायब रहने के बारे में पूछा तो राठौड़ ने कहा कि वह 10 दिन तक सार्वजनिक रूप से नहीं दिखे लेकिन वह अपना काम कर रहे थे.


उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपका (मीडिया) प्रेम टीवी पर देख रहा था। मेरे माता-पिता बुजुर्ग हैं, मेरी पत्नी को रक्तचाप की समस्या है, घर में बच्चे हैं. ऐसे में पिछले 10 दिनों में जब मेरे प्रति इतना प्रेम बरस रहा था तो मैं उन सभी का ख्याल रख रहा था. मैं अपना सरकारी काम जारी रखे हुए था, मैंने काम बंद नहीं किया.’’


एक घटना के कारण मुझे गलत खांचे में मात डालिए- राठौड़


सोशल मीडिया पर मंत्री और महिला की तस्वीरें सर्कुलेट होने के संबंध में राठौड़ ने कहा कि उनका समुदाय उनसे बहुत प्रेम करता है और तमाम लोग उनके साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं 30 साल से सामाजिक क्षेत्र में काम कर रहा हूं. सिर्फ एक घटना के कारण मुझे गलत खांचे में मात डालिए.’’


इस बीच, महाराष्ट्र बीजेपी की उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने आरोप लगाया कि युवती की मौत के लिए राठौड़ जिम्मेदार हैं. मुंबई में उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को राठौड़ को तुरंत उनके पद से हटाना चाहिए और मामले की विस्तृत जांच का आदेश देना चाहिए. संजय राठौड़ को समुदाय के पीछे छुपते हुए देखना बहुत अजीब है.’’


वाघ ने आरोप लगाया कि राठौड़ और उनके समर्थकों ने मंदिर जाते हुए कोविड-19 दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है. मुख्यमंत्री ठाकरे को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने कहा, ‘‘राठौड़ ने वाशिम के मंदिर में जिस तरह से भीड़ एकत्र की वह निंदनीय है. हम इसे मुद्दे को विधानसभा में भी उठाएंगे.’’


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