मुंबई: महाराष्ट्र के एक मंत्री ने सोमवार को कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला को कथित रूप से जो धमकियां मिली हैं, उनके बारे उन्हें पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए और सरकार उनकी सघन जांच कराएगी. भारत में कोविड-19 टीके की बढ़ती मांग के संबंध में कथित धमकियों से बचने के लिए ब्रिटेन चले गये पूनावाला ने कहा है कि वह कुछ दिनों में लौट आएंगे.


हाल ही में वहां ‘द टाईम्स’ के साथ इंटरव्यू में पूनावाला ने आरोप लगाया था कि भारत में उन्हें धमकियां मिल रही हैं. ऐसे में वह और उनका परिवार कोविड-19 टीके की मांग को लेकर अप्रत्याशित ‘दबाव एवं आक्रामक स्थिति’ उत्पन्न होने के बाद देश से चले आये. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ऑक्सफोर्ड/ एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ का उत्पादन कर रहा है.


महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री शंभूराजे देसाई ने कहा, 'पूनावाला को शिकायत दर्ज कराके धमकी का ब्योरा देना चाहिए. उन्हें वह फोन नंबर भी बताना चाहिए जहां से उनके पास ऐसे कॉल आये. हम उनकी गहराई से जांच करायेंगे.'


कांग्रेस ने की पूनावाला से भारत लौट आने की अपील 
इस बीच कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने पूनावाला से भारत लौट आने की अपील की और आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी उनकी सुरक्षा की जिम्मेदार लेगी. उन्होंने कहा, 'लोगों की जान महत्वपूर्ण है और टीका उत्पादन भारत में ही होना चाहिए. केंद्र पहले ही उन्हें वाई श्रेणी सुरक्षा दे चुका है. यदि जरूरत हुई तो उन्हें और सुरक्षा मुहैया करायी जाएगी.'


कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन कर सत्तासीन है. हालांकि एनसीपी  नेता और महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने दावा किया कि पूनावाला आज जिस स्थिति में हैं, उसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार हैं और कोई उन्हें बदनाम नहीं कर रहा है.


मलिक ने कहा, 'पहले उन्होंने केंद्र सरकार के लिए 150 रुपये, राज्यों के लिए 400 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 700 रुपये (प्रति कोविशील्ड खुराक की) घोषणा की. बाद में उन्होंने ट्वीट करके बताया कि वह राज्यों के लिए दर 400 रुपये से घटाकर 300 रुपये कर रहे है.' मंत्री ने कहा कि इससे संशय पैदा हुआ और लोगों के दिमाग में ढेर सारे सवाल आए. एनसीपी  मंत्री और महाराष्ट्र के आवास मंत्री जितेंद्र अव्हाद ने पहले कहा था कि देश को पूनावाला को मिली कथित धमकियों के पीछे का सच जानने की जरूरत है.


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