मुंबई: महाराष्ट्र में बुधवार को पहली बार एक दिन में कोरोना वायरस से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, बुधवार को इस वायरस की वजह से 105 लोगों की जान चली गई. अभी तक कुल 1897 लोगों की मौत हुई है. महाराष्ट्र में कोविड-19 के 2190 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 56948 हो गई.हालांकि, बुधवार को 964 मरीज ठीक भी हुए हैं और अब तक 17918 मरीज रिकवर हुए हैं.
राज्य में बुधवार को जो 105 लोगों की मौत हुई उसमें मुम्बई में 32, ठाणे में 16, जलगांव में 10, पुणे में 9, नवी मुम्बई में 7, रायगढ़ में 7, अकोला में 6, औरंगाबाद में 4, नाशिक में 3, सोलापुर में 3, सतारा में 2, अहमदनगर, नागपुर, नंदुरबार, पनवेल और वसई-विरार एक-एक मरीज की मौत हुई है. महाराष्ट्र के कुल 56948 पॉजिटिव केस में से सिर्फ मुंबई के 34018 मामले शामिल हैं.
महाराष्ट्र से अब तक 1.35 लाख प्रवासी मजदूर अपने घर के लिए रवाना हुए
वहीं कोरोना संकट के बीच राज्य से मजदूरों का पलायन जारी है. महाराष्ट्र से 93 श्रमिक विशेष ट्रेनों से 1.35 लाख प्रवासी मजदूर अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गये हैं. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एक अधिकारी ने कहा कि मंगलवार शाम से प्रवासी मजदूरों और यहां फंसे अन्य लोगों को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों को ले जाने के लिए महाराष्ट्र के अनेक स्टेशनों से ट्रेनों का इंतजाम किया गया था. उन्होंने कहा कि इनमें 1547 लोग बुधवार सुबह 9.10 बजे लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) से राजस्थान के अजमेर के लिए रवाना हुए.
अधिकारी ने बताया, ‘‘मंगलवार शाम से अब तक 93 ट्रेनें उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, तमिलनाडु, केरल, राजस्थान और दूसरे राज्यों के लिए रवाना हुईं. इन ट्रेनों से 1.35 लाख प्रवासी श्रमिक और फंसे हुए लोगों ने प्रस्थान किया.’’ बुधवार सुबह पड़ोसी पालघर जिले के सन सिटी मैदान पर और मुंबई के एलएलटी स्टेशन के बाहर प्रवासी श्रमिकों और अन्य फंसे हुए लोगों की भारी भीड़ जमा थी. इससे पहले आधी रात में सैकड़ों लोग दक्षिण मुंबई के नागपाड़ा जंक्शन में एकत्रित हो गए जो अपने गंतव्य स्थानों के लिए ट्रेनों का बंदोबस्त करने की मांग कर रहे थे. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि बाद में पुलिस और स्थानीय नेताओं की अपील पर लोग तितर-बितर हो गए. एक पुलिस अधिकारी ने माना कि ऐसे हालात में लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन कराना असंभव है.
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