मुंबई: शिवसेना के वरिष्ठ श्रमिक नेता डॉ रघुनाथ कुचिक, जिन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है, उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को कोविड टीकों की कीमतों में अंतर को लेकर पत्र लिखा है. रघुनाथ कुचिक का कहना है कि फार्मा कंपनी अपने फायदे के आधार पर काम करना चाहती है न कि लागत के आधार पर.
पत्र में कहा गया, "हम भारत में कोविड वैक्सीन की अनुचित कीमत निर्धारित किए जाने से चिंतित हैं. वैक्सीन निर्माता कंपनी ने दुनियाभर के देशों के साथ एग्रीमेंट किया है. कम से कम भारत में वैक्सीन महंगी नहीं है. लेकिन अलग-अलग देशों में वैक्सीन की अलग-अलग कीमत ये दर्शाता है कि फार्मा कंपनी फायदें के लिए काम करना चाहती है न कि लागत के आधार पर."
रघुनाथ कुचिक के पत्र के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट ने साउथ अफ्रीका को 389 रुपये प्रति वैक्सीन डोज, अमेरिका को 160 रुपये, सऊदी अरबिया को 389, बांग्लादेश को 296 रुपये, बार्जील को 233 रुपये, ब्रिटेन को 222 रुपये प्रति डोज देने का एग्रीमेंट किया है.
भारत को किस कीमत पर मिल रही वैक्सीन
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने अपने कोविड-19 टीके 'कोविशील्ड' की राज्य सरकारों के लिए कीमत 300 रुपये प्रति खुराक तय की है. इससे पहले कंपनी ने 400 रुपये प्रति खुराक दाम तय किया था. कंपनी की व्यापक स्तर पर आलोचना होने के बाद दाम कम किए थे. रिपोर्ट्स के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड केंद्र सरकार को 150 रुपये प्रति खुराक की दर से बेच रही है.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का निर्माण कर रही है. 'कोविशील्ड' निजी अस्पतालों को 600 रुपये प्रति खुराक दिया जा रहा है. इस समय देश में कोरोना रोधी दो वैक्सीन कोविशिल्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन उपलब्ध है.
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