अनोखी पहल: महाराष्ट्र में मुस्लिम संस्था की बड़ी पहल, श्मशान घाट पर हिंदू शख्स की चिता को लगाई आग
महाराष्ट्र में एक मुस्लिम जमात की बड़ी पहल सामने आई है. बेटे के इंकार के बाद हिंदू शख्स की चिता को आग लगाई.
अमरावती: महाराष्ट्र में एक मुस्लिम संस्था ने एक हिंदू के शव का अंतिम संस्कार कर मानवता की मिसाल पेश की है. मृतक के अपने परिजनों ने शव को स्वीकार करने से इंकार कर दिया था. जिसके बाद अकोला कुच्छी मेमन जमात ने अंतिम संस्कार की जिम्मेवारी उठाई.
खबरों के मुताबिक, 78 वर्षीय हिंदू शख्स की शनिवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. नागपुर में रहनेवाले उसके बेटे को जब सूचित किया गया तब उसने शव को स्वीकार कर उसका अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया. अकोला म्यूनिसिपिल कोरपेशन सैनिनेटशन विभाग के प्रमुख प्रशांत राजुरकर ने कहा, “उसके बेटे के इंकार के बाद अकोला कुच्छी मेमन जमात आगे आई.
शनिवार को जमात के सदस्यों ने श्मशान घाट पर चिता को आग दी.” अमरावती डिविजनल कमिश्नर पियूष सिंह ने बताया कि मृतक की पत्नी को 23 मई को अकोला सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसी दिन शाम में अस्पताल को सूचना मिली कि उसका पति घर में गिर गया है. उसके बाद एंबुलेंस भेजा गया मगर तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.”
उन्होंने बताया कि 24 मई को उसकी पत्नी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई. हिंदू शख्स का अंतिम संस्कार करनेवाली मुस्लिम संस्था के अध्यक्ष जावेद जकरिया ने बताया कि जिनके परिजन शवों का अंतिम संस्कार करने में असमर्थ थे ऐसे में उन्होंने इसका बीड़ा उठाया. उन्होंने बताया कि अबतक 60 शवों का अंतिम संस्कार उनकी संस्था कर चुकी है. उनमें से 21 कोविड-19 के मरीज थे जबकि 5 हिंदू थे.
पूरी प्रक्रिया के दौरान उनके कार्यकर्ता सुरक्षा के उपकरण पहन कर अंतिम संस्कार को अंजाम देते. रविवार को भी हिंदू शख्स की चिता को आग लगाते वक्त उनके कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा उपकरण पहन रखा था. राजुरकर ने बताया कि अंतिम क्रिया के लिए 5 हजार रुपये दिए गए थे.
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