Farmer On Onion Price: प्याज के बढ़ते दामों पर कंट्रोल करने के लिए सरकार की तरफ से उठाए गए कदम से किसान और किसान संगठन नाराज है. कुषकों ने शनिवार (12 अगस्तः को कहा कि ये फैसला सही नहीं है. 


सरकार ने प्याज के दाम की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ ( National Agricultural Federation- NAFED ) द्वारा 3 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदा है. इसका 'बफर स्टॉक' बाजार में जारी किया गया.


इसका पीछे केंद्र का मकसद है कि वो अपना स्टाक मार्किट में उतारे ताकि प्याज के बढ़े दामों को कंट्रोल किया जा सके.


किसान संगठन नाराज क्यों है?
नाशिक के किसान और किसान संगठन के मुताबिक, फसल खराब होने और स्टाक में रखे प्याज खराब होने से कृषकों को भारी नुकसान हुआ है. लागत से कम दाम पर किसानों को मंडी में प्याज बेचने की नौबत आ गयी थी. 


भारत दिघोले प्याज उत्पादक किसान संगठन के राज्य अध्यक्ष विशाल रोटे ने कहा कि अपनी नुकसान की कुछ भरपाई के लिए  किसानों ने प्याज के दामों को थोड़ा महंगे दामों पर बेचने का निर्णय लिया था, लेकिन सरकार की तरफ से प्याज की कीमतों को नियंत्रण में करने के लिए उठाया गया फैसला किसानों के हित में नही है. इसकी वजह से नाशिक लासलगांव के किसान संगठन खुश नहीं है. 


किसानों ने क्या कहा?
किसानों ने कहा कि जून महीने में जब प्याज का दाम 700 रूपये क्विंटल था तो सरकार ने कृषकों को सांत्वना देने के लिए 3 लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीददारी, लेकिन जब हम प्याज की कमी होने की वजह से किसान प्याज के दाम बढ़ा रहा है तो सरकार दाम कंट्रोल करने के लिए इसे बाजार में उतार रही है. यह ठीक नही है. 


किसानों ने कहा कि आज जब प्याज के दाम 2100 रुपये क्विंटल किसानों को मिल रहा है तो सरकार उसको नियंत्रण कर रही है. सरकार किसानों के फायदे की नहीं सोचती है. इस कारण कृषक सड़क पर उतर कर विरोध भी कर सकते हैं . 


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