Maharashtra: महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के घर मातोश्री के बाहर हनुमान चालिसा पढ़ने में अमरावती से सांसद नवनीत राणा (Navneet Ran) को गिरफ्तार किया गया था. जेल से छूटने के बाद राणा सीधे लीलावती हॉस्पिटल में एडमिट हुई थी. इस दौरान उनके कई टेस्ट किए गए थे. जिसमें MRI टेस्ट भी शामिल था. इसी टेस्ट के दौरान किसी ने उनकी तस्वीरें क्लिक की थी. अब उन तस्वीरों के कारण ही विवाद हो रहा है.


राणा पर आरोप है कि जब वह लीलावती हॉस्पिटल में एडमिट थी तब MRI टेस्ट के दौरान किसी ने राणा की टेस्ट के वक्त की तस्वीरें क्लिक कीं. बाद में राणा दंपति ने इन तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया. इसको लेकर ही शिवसेना अब उनको घेर रही है. 


किशोरी पेडणेकर ने क्या सवाल पूछे हैं ?


इस मुद्दे को लेकर महापौर किशोरी पेडणेकर ने लीलावती अस्पताल से सवाल पूछा है. उनका कहना था कि जब नियम के मुताबिक अस्पताल के अंदर एमआरआई  रूम में किसी भी प्रकार का तस्वीर निकालने और धातुजन्य चीजें लेकर जाने की मनाही होती है. तो फिर वहां मोबाइल फोन लेकर कौन गया था ?


इसके अलावा शिवसेना नेताओं ने सवाल पूछा है कि अस्पताल में उनके साथ उनका सुरक्षाकर्मी हथियार के साथ मौजूद था और उसके पास हथियार था. अस्पताल ने सिक्यूरिटी गार्ड को हथियार के साथ अंदर कैसे आने दिया?


बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने लीलावती अस्पताल से इस घटनाक्रम पर रिपोर्ट मांगी है. वहीं इस मामले पर मंगलवार को शिवसेना के विधान परिषद विधायक मनिशा कायांदे बांद्रा हिल रोड स्थित पुलिस स्टेशन सुबह 9 बजे शिकायत दर्ज करने जा सकते हैं.


क्यों विवादों में हैं राणा दंपति ?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बांद्रा स्थित निजी आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की सार्वजनिक घोषणा से उत्पन्न विवाद में निर्दलीय लोकसभा सदस्य नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को 23 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया था. राणा दंपत्ति के खिलाफ मुंबई पुलिस ने राजद्रोह सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था.


शर्तों के साथ मिली है जमानत ?
कोर्ट ने जमानत देते हुए दंपति के लिए कई शर्तें भी रखी हैं. कोर्ट के आदेश के मुताबिक राणा दंपति मीडिया से बात नहीं कर सकते. सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते. कोर्ट ने यह भी हिदायत दी कि दंपति दोबारा ऐसा कोई अपराध नहीं करेंगे. इसके अलावा पुलिस उन्हें 24 घंटे पहले नोटिस देगी, जिसके बाद उन्हें पुलिस स्टेशन में अटेंडेंस देने जाना होगा. अगर वे फिर से ऐसा अपराध करते हैं, तो जमानत रद्द हो जाएगी.


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