Maharashtra President's Rule: महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार हलचल जारी है. अब हनुमान चालीसा को लेकर विवाद शुरू हुआ है, जो थमने का नाम नहीं ले रहा. राज ठाकरे के बाद निर्दलीय विधायक नवनीत राणा ने इस मामले को हवा देने का काम किया, इसके बाद राजनीतिक घमासान शुरू हो गया. अब एनसीपी चीफ शरद पवार ने इस मामले को लेकर जवाब दिया है. 


राष्ट्रपति शासन की धमकी नई नहीं - पवार
महाराष्ट्र की सरकार में शामिल एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने बीजेपी नेताओं के उस बयान का जिक्र किया जिसमें राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की बात कही जा रही है. पवार ने कहा कि, राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी हमेशा से दी जाती है. लेकिन इसका नतीजा कुछ नहीं निकलता है. अगर आगे चुनाव वाले हालात बनते हैं तो हाल ही में हुए कोल्हापुर उपचुनाव जैसे नतीजे देखने को मिलेंगे. 


'किसी को बेचैन होने की जरूरत नहीं'
शरद पवार ने आगे कहा कि, पावर आती है और जाती है... इसमें किसी भी तरह से बेचैन होने की जरूरत नहीं है. कुछ लोग बेचैन हो रहे हैं, मैं उन्हें गलत नहीं कह रहा हूं क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान दावा किया गया था कि हम दोबारा सत्ता में आ रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसीलिए अब ये लोग बेचैन हैं. 


बता दें कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की तरफ से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही गई थी. इसके बाद से मामला और ज्यादा गरमा गया. महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने आरोप लगाया कि ये बीजेपी की चाल है और वो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रच रही है. 


क्यों छिड़ा है महाराष्ट्र में विवाद?
महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से अजान के लाउडस्पीकरों को लेकर विवाद जारी था. एमएनएस चीफ राज ठाकरे मांग कर रहे थे कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दिए जाएं. इसके लिए उन्होंने एक अल्टीमेटम भी जारी किया था, जिसमें कहा गया कि 3 मई तक अगर लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए तो वो मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. विवाद थमा भी नहीं था कि अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा ने एक चुनौती दे दी. उन्होंने कहा कि, वो सीएम उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हुनमान चालीसा का पाठ करेंगे. इससे शिवसैनिक गुस्सा गए और सैकड़ों की तादात में सांसद के घर के बाहर प्रदर्शन करने लगे. 


दिनभर प्रदर्शन के बाद सांसद नवनीत राणा ने अपना फैसला वापस ले लिया. लेकिन इसके बाद मुंबई पुलिस ने उन्हें और उनके पति को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद बीजेपी नेता किरीट सोमैया पुलिस स्टेशन पहुंचे तो शिवसेना कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया. जिसमें वो घायल हो गए. इसके बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया गया, लेकिन कुछ ही घंटों बाद जमानत भी मिल गई. वहीं सांसद नवनीत राणा और उनके पति को कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा. इस घटना के बाद से ही महाराष्ट्र में सियासी घमासान एक बार फिर शुरू है. 


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