महाराष्ट्र: कांग्रेस-एनसीपी की ‘गोपनीय’ बैठक जारी, पहले मीटिंग रद्द होने की आई थी खबर
पहले ये खबर आई कि एनसीपी और कांग्रेस की बैठक रद्द हो गई है. बाद में एनसीपी के नेता ने कहा कि कुछ चीजों को गोपनीय रखा गया था. मीटिंग जारी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मीटिंग में अजित पवार भी मौजूद हैं.
मुंबई: महाराष्ट्र में राजनीति दिलचस्प होती जा रही है. अभी कुछ देर पहले ही ये खबर आई थी कि एनसीपी और कांग्रेस की समन्वय समिति की पहली बैठक 7.30 बजे होनी थी. कांग्रेस के नेता पहुंच गए लेकिन एनसीपी से कोई नहीं पहुंचा. ऐसे में बैठक रद्द कर दिया गया. कहा गया था कि अजित पवार को आना था लेकिन उन्होंने कहा कि वो बारामती जा रहे हैं.
अब एनसीपी नेता जितेंद्र अहवाद ने कहा कि मीटिंग चल रही है और अजित पवार उसमें मौजूद हैं. जितेंद्र आहवाड ने कहा, ‘’कुछ चीजों को गोपनीय रखा गया था. इसलिए अजित पवार ने कहा कि एनसीपी-कांग्रेस की बैठक को रद्द कर दिया गया. मीटिंग जारी है और अजित पवार उसमें मौजूद हैं.’’
NCP leader Jitendra Awhad: Some things are kept confidential. So, Ajit Pawar said that NCP-Congress meeting got cancelled. The meeting is underway and Ajit Pawar is present in the meeting. #Maharashtra pic.twitter.com/lSe9AkQM7Q
— ANI (@ANI) November 13, 2019
जाहिर है कि कांग्रेस और एनसीपी दोनों पार्टियों ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर कमेटी गठित कर ली है. इस कमेटी का उद्देश्य शिवसेना के साथ सरकार गठन से पहले साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाना है. शिवसेना से भी दोनों पार्टियां संपर्क में हैं. आज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की. इसमें मुलाकात के दौरान कांग्रेस के अशोक चह्वाण, माणिकराव ठाकरे और बालासाहेब थोराट मौजूद थे. ये मुलाकात करीब एक घंटे तक चली. इस मुलाकात के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि चर्चा सही दिशा में चल रही है. उन्होंने कहा कि सही समय आने पर फैसले का एलान किया जाएगा.
गौरतलब है कि कल उद्धव ठाकरे ने कहा कि सोमवार को उन्होंने पहली बार कांग्रेस और एनसीपी से संपर्क किया और सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगा. विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 56, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीता हासिल की है. इन आंकडों को मिला दें तो ये 154 होता है.
राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों का समर्थन होना चाहिए. राज्य में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है. हालांकि विधानसभा को निलंबित रखा गया है. ऐसे में कोई पार्टी अगर राज्यपाल को बहुमत का पत्र सौंपती है तो उसे सरकार बनाने की इजाजत मिल सकती है.
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