Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र तो झांंकी, इस राज्य में बड़ा धमाका बाकी? सुलग रही बगावत की आग
NCP Political Crisis: पिछले चार साल के दौरान देश के दो राज्यों में सबसे ज्यादा सियासी उथल-पुथल होती रही है. एक महाराष्ट्र और दूसरा बिहार.
Maharashtra Politics Crisis: महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार से उन्हीं के भजीते अजित पवार ने बगावत कर दी. अजित पवार NCP को दो फाड़ कर अपने समर्थकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल होकर फिर से डिप्टी सीएम बन गए हैं. साथ ही अजित पवार ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के सिंबल पर दावा ठोकने की बात की. उन्होंने कहा, 'हम सारे चुनाव पार्टी के सिंबल पर लड़ेंगे.'
इधर अजित पवार के बीजेपी-शिवसेना के सत्ता वाले गठबंधन से हाथ मिलाया. उधर महाराष्ट्र विधानसभा में लीडर ऑफ ओपोजिशन का पद जितेंद्र आव्हाड के हिस्से में आया. आव्हाड अभी बची-खुची पार्टी को वफादारी का सबक सिखा ही रहे थे कि केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने बिहार को लेकर बहुत बड़ी बात कह दी.
रामदास आठवले ने कहा, अजित पवार ज़मीनी नेता हैं. उनके साथ NCP है. शरद पवार और सुप्रिया सुले का खेल ख़त्म हो गया. जैसा महाराष्ट्र में हुआ है वैसा ही बिहार में होने जा रहा है. अभी आठवले का बयान डिकोड भी नहीं हुआ था कि बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने NCP की टूट के लिए वंशवाद को वजह बता दिया.' सम्राट चौधरी ने कहा, जहां जहां ऐसे नेता होंगे जो केवल अपने परिवार को आगे बढ़ाने के लिए राजनीति करेंगे उनकी पार्टी का यही हाल होने वाला है.
महाराष्ट्र जैसी स्थिति बिहार में भी संभव!
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने बिहार में भी महाराष्ट्र जैसे हालात बनने का दावा किया है. उन्होंने कहा, "शरद पवार की पार्टी एनसीपी में विद्रोह विपक्षी एकता की पटना बैठक का परिणाम है, जिसमें राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने की जमीन तैयार की जा रही थी. बिहार में भी महाराष्ट्र-जैसी स्थिति बन सकती है, इसे भांप कर नीतीश कुमार ने विधायकों से अलग-अलग (वन-टू-वन) बात करना शुरू कर दिया."
उन्होंने आगे कहा, 'जेडीयू के विधायक-सांसद न राहुल गांधी को स्वीकार करेंगे, न तेजस्वी यादव को. पार्टी में भगदड़ की आशंका है. जदयू पर वजूद बचाने का ऐसा संकट पहले कभी नहीं था, इसलिए नीतीश कुमार ने 13 साल में कभी विधायकों को नहीं पूछा. आज वे हरेक से अलग से मिल रहे हैं.'
महाराष्ट्र के बाद बिहार की सियासत में उबाल
इसके बाद तो बिहार की सियासत में उबाल आ गया. पटना से संपूर्ण क्रांति पार्ट-टू की शुरुआत का सपना देख रही जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस ने बीजेपी पर एक साथ हमला बोल दिया. जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन ने कहा, "महाराष्ट्र से उत्साहित होकर अगर BJP बिहार में टांग अड़ाने की कोशिश करेगी तो लोकसभा चुनाव में सभी 40 सीटें हार जाएगी. जनता करारा जवाब देगी. हर दल में एक एकनाथ शिंदे को खोजना भाजपा की सियासत की फितरत है. राजद जदयू एकजुट है. साथ है इसलिए भाजपा डरी हुई है. बीजेपी की मुश्किलें बढ़ जाएंगी."
वहीं आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, "पीएम मोदी ने एनसीपी में टूट की स्प्रिट खुद लिखी. महाराष्ट्र में 9 मंत्री एनसीपी कोटे से बने, अजित पवार डिप्टी सीएम बने. यह इन लोगों का खुद का निर्णय नहीं है. भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे नेताओं के पीछे जांच एजेंसियों को लगाकर रखा गया. दवाब बनाया गया. पीएम मोदी भोपाल में बोले ही थे किसी भी भ्रष्टाचारी को छोड़ेंगे नहीं."
JDU टूट की भविष्यवाणी
महाराष्ट्र के पॉलिटिकल डेवलपमेंट पर पटना से लकर दिल्ली और मुंबई तक मचा सियासी घमासान बेमानी नहीं है. दरअसल दावा किया जा रहा है कि NCP की तरह JDU में भी बगावत की आग सुलग रही है. ये दावा NDA के साथी चिराग पासवान ने किया है जो नीतीश की पार्टी में टूट की भविष्यवाणी कर रहे हैं.
LJP अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, मुख्यमंत्री नीतीश को डर लग रहा है. पार्टी में उनको टूट का डर है. क्योंकि उनके कई विधायक और सांसद दूसरी पार्टी के संपर्क में हैं. जेडीयू के कई नेता मेरे संपर्क में भी है. वो दूसरों की पार्टी को तोड़ते रहे हैं. अब उनसे पार्टी में टूट होगी. जैसी करनी वैसी भरनी.
यही वजह है कि अजित पवार जूनियर ने सर्जिकल स्ट्राइक भले ही चाचा शरद पवार की पार्टी पर की हो लेकिन इसे नीतीश के लिए बड़ा संकेत माना जा रहा है. नीतीश ने 23 जून को पटना में विपक्ष की जो बड़ी बैठक बुलाई थी. उसमें पवार काफी वोकल थे वो बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने की बातें कर रहे थे लेकिन अब खतरा उनकी अपनी ही पार्टी के नाम, निशान और झंडे पर मंडरा रहा है.
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