NCP Political Crisis: महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार, 2 जुलाई को इस साल की सबसे बड़ी सियासी हलचल हुई, जब अजित पवार ने एनसीपी में बगावत कर दी. वे 40 से अधिक विधायकों के समर्थन के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. अजित पवार के इस कदम को एनसीपी चीफ शरद पवार के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है. शरद पवार एक तरफ पीएम मोदी के खिलाफ पूरे देश में विपक्ष को एकजुट करने में प्रमुख भूमिका निभा रहे थे लेकिन महाराष्ट्र के अपने ही गढ़ में पार्टी को जोड़े नहीं रख सके. इस घटनाक्रम के बाद विपक्षी नेताओं ने शरद पवार को फोन किया है.
कांग्रेस की संसदीय समिति की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शरद पवार को फोन कर उन्हें अपना समर्थन दिया.
पवार ने कहा- मिल रहा समर्थन
अजित पवार के बगावत कर शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद शरद पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्हें समर्थन के लिए देश भर से नेताओं के फोन आ रहे हैं. सीनियर एनसीपी नेता ने बताया कि आज जो हुआ मुझे उसकी चिंता नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मुझे फोन आया था और उन्होंने मुझे अपना समर्थन दिया है.
कांग्रेस ने बीजेपी पर बोला हमला
न सिर्फ विपक्षी नेताओं ने शरद पवार को फोन किया बल्कि बीजेपी पर भी हमला बोला है. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, "महाराष्ट्र सरकार भ्रष्टाचार और पाप की उपज है. जनता ने महाराष्ट्र के गद्दार, भ्रष्ट और समझौतावादी नेताओं को अच्छी तरह से पहचान लिया है और अगले चुनाव में उनमें से प्रत्येक को उनके जीवनकाल का सबक सिखाया जाएगा."
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने महाराष्ट्र की घटना पर कहा, "यह साफ है कि BJP की वॉशिंग मशीन ने अपना काम फिर से शुरू कर दिया है. आज महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हुए नेताओं में से कई पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे. ED, CBI और इनकम टैक्स के अधिकारी उनके पीछे पड़े थे. अब उन सभी को क्लीन चिट मिल गई है."
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