NCP Political Crisis: एनसीपी में बगावत के बाद बुधवार (5 जुलाई) को अपने विधायकों की एकजुटता के मद्देनजर पार्टी प्रमुख शरद पवार ने मुंबई के वाईबी चव्हाण केंद्र पर बैठक बुलाई. इस दौरान शरद पवार ने उनके सामने कई संकट होने की बात कही. साथ ही कहा कि अगर उनके भतीजे अजित पवार के मन में कोई बात थी तो उन्हें बात करनी चाहिए थी. 


अपनी बैठक के दौरान शरद पवार ने कहा, ''24 साल पहले एनसीपी का जन्म मुंबई में हुआ. इन 24 वर्षों में अनेक कार्यकर्ता विधानमंडल में आए. कुछ सांसद, विधायक और मंत्री बने. एक सामान्य परिवार का कार्यकर्ता कैसे राज्य चला सकता है, यह देखने को मिला. इस राज्य के लोगों के जीवन पर प्रकाश डालने की कोशिश की गई. संकट तो बहुत हैं. मैंने कइयों के साथ काम किया. कई लोगों के काम करने के तरीके अलग-अलग थे.''


उन्होंने कहा, ''उस समय मेरा तरीका लोगों से बात करना और कोई निर्णय लेने पर उनकी बात सुनना था लेकिन आज देश में ऐसा नहीं है. आज देश और सभी राज्यों में असंतोष है. अगर लोकतंत्र को बचाना है तो संवाद शुरू करना होगा.''


पीएम मोदी पर शरद पवार का निशाना


शरद पवार ने कहा, ''हमने पाटन, बिहार में बैठकें कीं. सत्ता जिनके हाथ में हैं उन्होंने अशांति फैलाई है. देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि एनसीपी ने 70 हजार करोड़ का घोटाला किया है. राज्य सहकारी बैंक का प्रमाण पत्र दिया गया. प्रधानमंत्री को बिना किसी आधार के ऐसे बयान नहीं देने चाहिए.


उन्होंने कहा, ''जो शिवसेना के साथ हुआ है वही एनसीपी के साथ बीजेपी करना चाहती है. गलती को सुधारना हमारा काम है. अगर अजित के मन में कोई बात थी तो मुझसे बात करनी चाहिए थी.'' उन्होंने कहा, ''जिन विधायकों ने अलग होने का फैसला किया, उन्होंने हमें विश्वास में नहीं लिया. अजित पवार गुट ने किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है.''


पीएम मोदी ने कहा था कि पवार साहब की उंगली पकड़कर देश चलाना सीखा- शरद पवार


शरद पवार ने कहा, ''प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले भोपाल में एक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि एनसीपी के लोगों ने 70 हजार करोड़ का घोटाला किया. प्रधानमंत्री हों या राज्य के वित्त मंत्री हों उन्होंने एनसीपी को लेकर कई तरह के कमेंट किए हैं. प्रधानमंत्री जब बारामती आए थे तब उन्होंने कहा था कि देश कैसे चलाना चाहिए यह मैंने पवार साहब की उंगली पकड़ कर सीखा है. अगर आपने कोई गलत काम किया है तो उस गलत काम की सजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए.


उन्होंने कहा, ''अगर आप एक राष्ट्रीय नेता हैं और लोगों के बीच बात कर रहे हैं तो एक प्रकार की सभ्यता और मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए. अगर आपको लगता है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी इतनी भ्रष्ट पार्टी है तो पार्टी के लोगों को सरकार में क्यों लिया गया? राजनीतिक लोग बिना आधार के इस तरह के कमेंट करते हैं.''



शरद पवार ने कहा, ''कुछ लोगों ने किनारे हटने का रुख अपनाया है. मुझे इसके लिए खेद है. एनसीपी कार्यकर्ताओं ने उन्हें चुना, उन्होंने उन्हे विश्वास में लिया लेकिन उन्होंने अपना अलग रुख अपनाया. जिनके विचारों से हम सहमत नहीं हैं, उनके साथ जाकर बैठना ठीक नहीं है. आप सोचते हैं कि आप राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी हैं. कल कोई भी उठेगा और कुछ भी कहेगा तो उसका क्या मतलब हुआ?''


'निशानी नहीं जाएगी और न जाने दी जाएगी'


उन्होंने कहा, ''मैं कांग्रेस में था, हमारे पास तिलक भवन था, जब हमने अलग निर्णय लिया तो हमने कांग्रेस की संपत्ति छोड़ दी लेकिन कल नासिक में क्या हुआ. मैं आपको बता दूं कि पार्टी का सिंबल कहीं नहीं जाएगा. मैंने जो पहला चुनाव लड़ा था वह बैलों की जोड़ी से लड़ा था. फिर गाय बछड़े की निशानी मिली, फिर चरखे की निशानी मिली, फिर हाथ के निशान पर लड़ाई हुई. निशानी नहीं जाएगी और न जाने दी जाएगी और कौन ले सकता है.''


सूत्रों के मुताबिक, भारत निर्वाचन आयोग को अजित पवार की ओर से एनसीपी और पार्टी चिह्न पर दावा करने वाली याचिका मिली है. आयोग को जयंत पाटिल से भी एक याचिका मिली है कि उन्होंने 9 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता प्रक्रिया शुरू कर दी है.


हमें सत्ता की भूख नहीं- शरद पवार


शरद पवार ने कहा, ''आज पूरा देश हमें देख रहा है. एनसीपी के लिए यह बैठक ऐतिहासिक है. हमें रास्ते में आने वाली बाधाओं के बावजूद आगे बढ़ते रहना होगा.'' उन्होंने कहा, ''आपने (बीजेपी) एनसीपी को भ्रष्ट कहा तो अब एनसीपी के साथ गठबंधन क्यों किया है?'' उन्होंने कहा, ''उद्धव ठाकरे के साथ जो हुआ वही दोहराया गया है.'' एनसीपी प्रमुख ने कहा, ''हमें सत्ता की भूख नहीं है, हम लोगों के लिए काम करते रहेंगे.''


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