नई दिल्ली: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के डीएनए वाले बयान पर जहां असदुद्दीन ओवैसी और दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है, वहीं एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने समर्थन किया है. आव्हाड महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी हैं. दिलचस्प है कि कांग्रेस के सीनियर नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय ने बयान का पलटवार किया तो महाराष्ट्र में उनकी पार्टी की सहयोगी एनसीपी के नेता ने समर्थन किया है.
मोहन भागवत के बयान पर जितेंद्र आव्हाड ने कहा, “मैं आरएसएस प्रमुख के बयान का स्वागत करता हूं, ये शांति लाएगा. उन्होंने ठीक वही कहा है जो हम 100 सालों से अधिक समय से कहते आ रहे हैं. इस विचार परिवर्तन का स्वागत है.”
संघ प्रमुख ने क्या कहा था?
मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है और मुसलमानों को डर के इस चक्र में नहीं फंसना चाहिए कि भारत में इस्लाम खतरे में है. उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग मुसलमानों से देश छोड़ने को कहते हैं, वे खुद को हिन्दू नहीं कह सकते.
वह राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा गाजियाबाद में ‘हिन्दुस्तानी प्रथम, हिन्दुस्तान प्रथम’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि लोगों में इस आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता कि उनका पूजा करने का तरीका क्या है.
आरएसएस प्रमुख ने लिंचिंग (पीट-पीट कर मार डालने) की घटनाओं में शामिल लोगों पर हमला बोलते हुए कहा, ‘‘वे हिन्दुत्व के खिलाफ हैं.’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि लोगों के खिलाफ लिंचिंग के कुछ झूठे मामले दर्ज किए गए हैं.
भागवत ने मुसलमानों से कहा, ‘‘ वे भय के इस चक्र में न फंसें कि भारत में इस्लाम खतरे में है.’’ उन्होंने कहा कि देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं है. आरएसएस प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों का गौरव होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिन्दू-मुस्लिम संघर्ष का एकमात्र समाधान ‘संवाद’ है, न कि ‘विसंवाद’.