Maharashtra NCP Crisis: लोकसभा चुनाव से पहले मोदी और शाह को महाराष्ट्र से कैसे मिली बड़ी राहत? अजित पवार बने बड़ी वजह
NCP Political Crisis: महाराष्ट्र की सियासी तस्वीर अब पूरी तरह से बदल चुकी है. अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी के टूटने का पूरा फायदा अब बीजेपी को होता दिख रहा है.
Maharashtra Politics Crisis: महाराष्ट्र में रविवार (2 जुलाई) का दिन सियासी भूचाल लाने वाला रहा. एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार के एक फैसले ने महाराष्ट्र में बीजेपी का पलड़ा भारी कर दिया है. अजित पवार को राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाने के बाद खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे तीन इंजन वाली सरकार बताया है और उनका स्वागत करते हुए कहा कि अब उनकी सरकार को ट्रिपल इंजन मिल गया है.
महाराष्ट्र में हुए इस सियासी उलटफेर ने केंद्र की मोदी सरकार को भी बड़ी राहत दी है. लोकसभा चुनाव 2024 में एक साल से भी कम का समय बचा है और उससे पहले महाराष्ट्र में आया राजनीतिक भूचाल बीजेपी के हक में आया है. अजित पवार ने बीजेपी की अगुआई वाले गठबंधन यानी एनडीए का दामन थामकर पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी राहत दी है. चलिए आपको समझाते हैं एनसीपी की इस टूट का लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कैसे फायदा होगा.
एनसीपी में फूट का बीजेपी को फायदा
दरअसल, महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं, जोकि उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर हैं. एनसीपी की महाराष्ट्र में अच्छी खासी पकड़ है. एनसीपी चीफ शरद पवार को विपक्षी दलों के संभाविक महागठबंधन का सूत्रधार माना जा रहा है. इसी बीच अब उनके परिवार में ही फूट पड़ गई है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि अगर लोकसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी दल एकजुट हो जाते हैं तो इससे कहीं न कहीं बीजेपी के लिए खतरा तो होगा ही.
अजित पवार की बगावत बन सकती है बीजेपी की जीत
पहले शिवसेना और अब एनसीपी में हुई बगावत से दोनों पार्टियां दो धड़ों में बंट गई हैं. शिवसेना का शिंदे गुट पहले से ही एनडीए के साथ है. अब अजित पवार का साथ मिलने से राज्य में बीजेपी की ताकत और बढ़ गई है. अजित पवार की बगावत को इसलिए लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है.
'इस बार विपक्ष का लोकसभा में एक भी सीट जीतना मुश्किल'
एकनाथ शिंदे ने अजित पवार के गठबंधन का हिस्सा बनने के बाद खुद कहा, "कैबिनेट में सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय है. हम महाराष्ट्र के विकास के लिए एक साथ आए हैं. विपक्ष को लोकसभा चुनाव में 4-5 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार वे ऐसा करने में भी कामयाब नहीं होंगे. विपक्ष को उतनी सीटें मिलना भी मुश्किल होगा."
ये भी पढ़ें: