Maharashtra Politics Crisis: महाराष्ट्र में उठे सियासी तूफान के बाद राजनीतिक उठा पटक जारी है. अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने बगावत करने वाले अजित पवार समेत 9 विधायकों पर एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया है. एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने इन विधायकों को बर्खास्त करते हुए कहा कि इनकी तरफ से पार्टी के प्रतीकों का इस्तेमाल करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 


जयंत पाटिल के इस फैसले को एनसीपी चीफ शरद पवार का समर्थन मिला है. शरद पवार ने कहा कि उनके निर्णय को हमारा समर्थन रहेगा. हम नया संगठन खड़ा करेंगे. उन्होंने कहा, "कौन गया और किसके लिए गया मैं इसकी चिंता नहीं करता हूं क्योंकि यह अब दो-तीन बार हो चुका है. राज्य में हमारा संगठन मजबूत है."


"अजित पवार की बातों का अब कोई महत्व नहीं"


शरद पवार ने कहा, "एक बार मैं विदेश गया था तो कई लोग पार्टी छोड़कर चले गए थे मुझे कोई चिंता नहीं थी. अजित पवार का फैसला उनका निजी फैसला है. उनकी बातों का अब कोई महत्व नहीं है. लोगों का समर्थन हम लोगों के साथ है. जनता का प्यार बना रहा तो पूरी तस्वीर बदल देंगें. एनसीपी भी हम लोगों के साथ है."


अजित पवार ने ली थी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ 


दरअसल, महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार (2 जुलाई) को बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला था. राजनीति के धुरंधर अजित पवार ने एनसीपी से बगावत कर महाराष्ट्र की बीजेपी-शिंदे गठबंधन वाली सरकार से हाथ मिला लिया है. उन्होंने बीते दिन उपमुख्यमंत्री पद की शपथ भी ली. उनके साथ आठ और विधायकों ने भी मंत्री पद शपथ ली.   


अजित के साथ और किन नेताओं ने ली शपथ?


अजित पवार के साथ शपथ लेने वाले विधायकों में छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, धर्मराव अत्राम, अनिल पाटिल और संजय बनसोडे का नाम शामिल हैं. इतना ही उन्होंने अजित पवार ने एनसीपी पर भी दावा ठोकते हुए कहा था कि हम अगले सभी चुनाव एनसीपी के नाम पर ही लड़ेंगे. 


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