NCP में फूट के बाद अब 'पावर' की लड़ाई, शरद पवार ने बागियों पर लिया एक्शन, अजित पवार ने भी फैसले को पलटा | बड़ी बातें
Maharashtra NCP Crisis: एनसीपी नेता अजित पवार की बगावत के बाद महाराष्ट्र में सियासी उठापटक जारी रही. साथ ही इस विद्रोह के लिए विपक्षी दलों ने बीजेपी पर निशाना साधा है.
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में उठे सियासी तूफान को लेकर सोमवार (3 जुलाई) को भी काफी हलचल रही. एनसीपी (NCP) में बने दोनों गुटों की ओर से नई नियुक्ति और निलंबन का दौर भी चला. एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) ने भतीजे के विद्रोह के बाद पार्टी पर अपना अधिकार दिखाने के लिए शक्ति प्रदर्शन किया. जबकि अजित पवार (Ajit Pawar) ने कहा कि शरद पवार ही उनकी पार्टी के अध्यक्ष हैं. जानिए इस सियासी घटनाक्रम से जुड़ी बड़ी बातें.
1. भतीजे अजित पवार के नेतृत्व में हुए विद्रोह के एक दिन बाद शरद पवार ने दिवंगत चव्हाण के स्मारक प्रीतिसंगम का दौरा किया. हजारों समर्थकों ने कराड में उनका स्वागत किया. उनके इस दौरे को एनसीपी में हुई टूट के बाद शक्ति प्रदर्शित करने के तौर पर देखा गया. शरद पवार ने कहा कि हमारे कुछ लोग अन्य पार्टियों को तोड़ने की बीजेपी की रणनीति का शिकार हो गए. महाराष्ट्र और देश में सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने की कोशिश की जा रही है. हमें उन ताकतों से लड़ने की जरूरत है जो शांति पसंद करने वाले नागरिकों के बीच भय उत्पन्न करती हैं.
2. शरद पवार ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि अजित पवार की बगावत को उनका आशीर्वाद प्राप्त है. उन्होंने कहा कि ये कहना तुच्छ बात है. कम बुद्धि वाले ही ऐसा कह सकते हैं. मैंने राज्य का दौरा करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने की एक योजना तैयार की है. कुछ नेताओं ने जो किया है उससे उन्हें हताश नहीं होना चाहिए. मेरे पास पहले विधायकों के जाने के 2-3 पुराने अनुभव हैं. आगे नतीजे अच्छे आएंगे.
3. पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर शरद पवार ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और लोकसभा सांसद सुनील तटकरे को पार्टी से निकाल दिया. इन दोनों नेताओं ने अजित पवार की बगावत में उनका साथ दिया है. पवार ने ट्वीट कर कहा कि मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल की पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर उनके नाम एनसीपी सदस्यों के रजिस्टर से हटाने का आदेश देता हूं.
4. उन्होंने एसआर कोहली को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बाहर कर दिया. साथ ही एनसीपी के महाराष्ट्र के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने रविवार को शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायकों को भी पार्टी से निलंबित कर दिया. उन्होंने पार्टी के प्रतीकों को इस्तेमाल करने से मना किया और कहा कि ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
5. अजित पवार के साथ जाने वाले दो विधायकों ने सोमवार को यू-टर्न भी ले लिया. दिलीप मोहिते पाटिल और मकरंद पाटिल फिर से शरद पवार के साथ चले गए. दिलीप मोहिते पाटिल ने साथ ही आरोप लगाया कि अजित पवार ने बिना बताए विधायकों के साइन लिए थे. उनके इस कदम से हम सहमत नहीं हैं. वहीं रविवार को शपथग्रहण समारोह में शामिल होने वाले मकरंद पाटिल शरद पवार की कार में बैठे दिखाई दिए.
6. शरद पवार की तरफ से की गई कार्रवाई के बाद अजित पवार के खेमे से भी कार्रवाई की गई. शरद पवार के गुट के कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटाए जाने के तुरंत बाद प्रफुल्ल पटेल ने जयंत पाटिल की जगह लोकसभा सांसद सुनील तटकरे को पार्टी की महाराष्ट्र इकाई का अध्या नियुक्त करने का ऐलान किया. उन्होंने उपमुख्यमंत्री अजित पवार को पार्टी का विधायक दल का नेता भी नियुक्त किया. पटेल ने अनिल भाईदास पाटिल को महाराष्ट्र विधानसभा में एनसनपी का मुख्य सचेतक नियुक्त किया.
7. प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि जयंत पाटिल का चुनाव संविधान के हिसाब से होना चाहिए था. एनसीपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते मैंने महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सुनील तटकरे को देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि हमारी शरद पवार से हाथ जोड़कर विनती है कि पार्टी के बहुसंख्यक वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की इच्छा का वे आदर करें. उनका आशीर्वाद हम पर और पार्टी पर हमेशा बना रहे. हमारे ऊपर कोई दबाव नहीं है. पार्टी में मुझे जो कुछ मिला, उसके लिए मैं एनसीपी और पवार साहब का आभारी हूं.
8. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने के बाद सोमवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार और राज्य के मंत्री छगन भुजबल सोमवार को उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मिलने पहुंचे. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस दौरान विभागों के आवंटन पर चर्चा हुई. अजित पवार पूर्व में जल संसाधन विभाग, बिजली और वित्त विभाग का प्रभार संभाल चुके हैं. अभी ये तीनों विभाग फडणवीस के पास हैं. इसके अलावा वह गृह विभाग का प्रभार भी संभाल रहे हैं.
9. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि हमने महाराष्ट्र की भलाई के लिए ये फैसला लिया है. उन्होंने एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर किए गए सवाल के जवाब में कहा कि क्या आप भूल गए हैं कि शरद पवार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. पार्टी बहुत अच्छी तरह से चलेगी, फिक्र मत करो. वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि अजित पवार ने कहा है कि वे विकास का साथ दे रहे हैं और पीएम मोदी के नेतृत्व में विकास हो रहा है. हम इस विकास के एजेंडे को आगे लेकर जाएंगे. जल्द राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार होगा.
10. आरजेडी चीफ और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने कहा किशरद पवार पर को असर नहीं पड़ने वाला है. शरद पवार एक ताकत हैं. उस ताकत को नरेंद्र मोदी ने हिलाने की कोशिश की, सब फेल हो जाएंगे. हमने सुना है कि सब चर्चा कर रहे हैं कि बिहार के सांसदों को तोड़ो, सांसदों को निकालो. बिहार कहां हिलता-डुलता है, हम बिहार को हिलने नहीं देंगे. बिहार नहीं हिलेगा, लेकिन बिहार से इनका सफाया होना तय है. हम सब एक हैं इसीलिए इन लोगों (बीजेपी) को घबराहट हो रही है.
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