NCP Crisis: शरद पवार ने सांसद प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से हटाया, अजित पवार के साथ आए थे नजर
NCP Political Crisis: सुप्रिया सुले ने शरद पवार से सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की थी. दोनों पर एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया है.
Maharashtra Politics Crisis: महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच अब एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले की मांग पर एक्शन लेते हुए एनसीपी चीफ शरद पवार ने सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है.
सुले ने ट्वीट कर कहा था कि सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल ने 2 जुलाई को पार्टी संविधान और नियमों का सीधा उल्लंघन किया, जो पार्टी की सदस्यता से परित्याग और अयोग्यता के समान था. इसीलिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाना चाहिए.
अयोग्यता याचिका दायर करने की मांग
सुप्रिया सुले ने कहा, "मैं शरद पवार से अनुरोध करती हूं कि वे तत्काल कार्रवाई करें और सक्षम प्राधिकारी के समक्ष संसद सदस्यों के खिलाफ भारत के संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता याचिका दायर करें."
Mr.Sunil Tatkare and Mr. Praful Patel on 2nd July 2023 acted in direct contravention of the Party Constitution and Rules, amounting to desertion and disqualification from the party membership.
— Supriya Sule (@supriya_sule) July 3, 2023
I request Hon. @PawarSpeaks Saheb to take immediate action and file disqualification… pic.twitter.com/Uj2iG6C6kz
तटकरे और पटेल को लेकर क्या बोलीं सुप्रिया सुले?
सुप्रिया सुले ने शरद पवार को दिए अपने इस पत्र में लिखा है, "बागी हुए 9 विधायकों को समर्थन देने का 2 सांसदों का यह फैसला पार्टी अध्यक्ष की अनुमति के बिना और सभी सदस्यों को विश्वास में लिए बिना लिया गया है. ये दल-बदल पार्टी अध्यक्ष की जानकारी या सहमति के बिना इतने गुप्त तरीके से किए गए थे, जो पार्टी छोड़ने के समान है. इससे यह बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि उक्त संसद सदस्य अब एनसीपी के उद्देश्यों और विचारधारा से सहमत नहीं हैं."
क्या था शरद पवार का बयान
इससे पहले रविवार (2 जुलाई) को शरद पवार का इन दोनों नेताओं को लेकर बड़ा बयान सामने आया था. उन्होंने कहा था, "मैं प्रफुल्ल पटेल और तटकरे को छोड़कर किसी से नाराज नहीं हूं. मैंने उन्हें महासचिव नियुक्त किया था, लेकिन उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के दिशानिर्देशों को नहीं माना और गलत रास्ता अपना लिया. उन्हें उस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है."
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