Maharashtra NCP Crisis: अजित का 'पावर गेम', बीजेपी की बढ़ी ताकत, क्या होगा शरद पवार का अगला कदम? | 10 बड़ी बातें
Maharashtra Political Crisis: अजित पवार की बगावत के बाद शरद पवार ने कहा कि ये कोई गुगली नहीं है, ये रॉबरी है. ये छोटी बात नहीं है. इस बगावत को विपक्षी एकता के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है.
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Maharashtra NCP Political Crisis: महाराष्ट्र में उठे सियासी भूचाल ने राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है. अजित पवार (Ajit Pawar) की बगावत के बाद एनसीपी के घर का आंगन दो हिस्सों में बंट गया है. अजित पवार ने रविवार (2 जुलाई) को शिंदे सरकार को समर्थन देते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में अपना अगला राजनीतिक कदम उठा लिया है. अब सबकी नजरें उनके चाचा और एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) पर टिकी हुई हैं कि उनका अगला कदम क्या होगा. जानिए इस राजनीतिक घटनाक्रम से जुड़ी बड़ी बातें.
1. देश के दिग्गज नेता शरद पवार ने भतीजे अजित पवार के नेतृत्व में हुए विद्रोह के बाद 5 जुलाई को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की एक बैठक बुलाई है. उन्होंने रविवार को कहा कि पार्टी लाइन का उल्लंघन कर महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे नीत सरकार में शामिल होने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
2. उन्होंने स्पष्ट किया कि बीजेपी-शिवसेना सरकार के साथ जाने का फैसला पार्टी का नहीं था. अजित पवार ने उनसे कोई बात नहीं की. ये डकैती की तरह है. अपने भतीजे के बगावत करने के बाद 82 वर्षीय नेता ने कहा कि रविवार का घटनाक्रम कुछ लोगों के लिए नया हो सकता है, उनके लिए नहीं. उन्होंने बीजेपी और बागियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो भी नेता बागी होकर गए हैं अब उन्हें कोई भी केंद्रीय जांच एजेंसी परेशान नहीं करेगी.
3. शरद पवार ने कहा कि जो हुआ है, उसके बाद उनका प्रयास राज्य और देश के भीतर जितना संभव हो सके यात्रा करना और लोगों के साथ संबंध बनाना होगा. पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने के लिए वह सोमवार से जनता के बीच जाएंगे. उन्होंने कहा कि राजनीति में ऐसी चीजें होती रहती हैं और इससे राजनीतिक तौर पर निपटना होगा. कल मैं कराड जाऊंगा और यशवंत राव चव्हाण के स्मारक पर दर्शन करूंगा.
4. कई महीनों से अजित पवार की बीजेपी से बढ़ती नजदीकी को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी. रविवार को इन अटकलों पर विराम लगाते हुए 63 वर्षीय अजित पवार ने महाराष्ट्र के दूसरे उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. उनके साथ एनसीपी आठ नेताओं को भी शिवसेना-बीजेपी सरकार में मंत्री नियुक्त किया गया. जिसमें छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, धर्मराव अत्राम, अनिल पाटिल और संजय बनसोडे शामिल हैं.
5. अजित पवार ने खुद को असली एनसीपी करार देते हुए पार्टी और उसके चुनाव चिह्न पर दावा ठोक दिया है. उनके इस दावे का विरोध करते हुए महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि पार्टी एकनाथ शिंदे सरकार का समर्थन नहीं करती है. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी-शिवसेना सरकार को समर्थन देने का वादा करने वाले कई विधायक कंफ्यूज हैं और शरद पवार के साथ बने हुए हैं. 5 जुलाई को शरद पवार के नेतृत्व में महाराष्ट्र जिले के सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं की बैठक होगी.
6. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को लिखे पत्र में अजित पवार ने 40 से अधिक एनसीपी विधायकों और विधान परिषद के छह सदस्यों के समर्थन का दावा किया है. एनसीपी के पास 53 विधायक हैं. अजित पवार ने शपथ लेने के बाद कहा कि एनसीपी के सभी विधायक उनके साथ हैं. वे एनसीपी के नाम और चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ेंगे.
7. अजित पवार ने पीएम मोदी की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बीते 9 सालों में देश अच्छे से चलाया जा रहा है. पीएम को हराने के लिए आज सभी विपक्षी दल साथ में आ रहे हैं. इनकी बैठक में कुछ आउटपुट सामने निकल कर नहीं आता है. अगर हम शिवसेना के साथ जा सकते हैं, तो हम बीजेपी के साथ भी जा सकते हैं. नगालैंड में भी यही हुआ.
8. अजित पवार की इस बगावत को लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए राहत और विपक्षी दलों की एकता के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. विपक्षी दल लोकसभा चुनाव-2024 से पहले बीजेपी के खिलाफ गठबंधन बनाने की प्रक्रिया में हैं और शरद पवार को इस महागठबंधन का सूत्रधार माना जा रहा है. ऐसे में पहले शिवसेना और अब एनसीपी के एक-एक गुट के अलग होने से विपक्षी एकता पर असर पड़ने वाला है और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की ताकत बढ़ने वाली है.
9. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अजित पवार और अन्य एनसीपी नेताओं का स्वागत करते हुए कहा कि अब डबल इंजन की सरकार ट्रिपल इंजन की हो गई है. अब राज्य विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ेगा. अब हमारे पास एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री हैं. इससे राज्य का तेजी से विकास करने में मदद मिलेगी.
10. एनसीपी में बगावत के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने समर्थन देने के लिए शरद पवार से फोन पर बात की. साथ ही कांग्रेस ने अपनी पार्टी को एकजुट रखने के स्पष्ट प्रयास के तहत मंगलवार को अपने विधायकों की एक बैठक भी बुलाई है.
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