Maharashtra Politics: एनसीपी नेता, पूर्व मंत्री और शरद पवार के करीबी माने जाने वाले जितेंद्र आव्हाड के रामनवमी और हनुमान जयंती से दंगे वाले बयान को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है. दरअसल, एनसीपी के कद्दावर नेता आव्हाड ठाणे के एक कार्यक्रम में कहा कि "बीजेपी और हिंदू संगठनों की तरफ से रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर जो जुलूस निकाले गए, भीड़ को देखकर ऐसा लगा कि जैसे यह लोग सड़क पर दंगे करने के लिए निकले हों. कई जगहों पर दंगे की घटनाएं भी हुई, यह साल जातीय दंगों के लिए जाना जाएगा."


जितेंद्र आव्हाड ने कहा, "औरंगाबाद में दंगल हुआ, यह रामनवमी और हनुमान जयंती पर ऐसे निकलते हैं जैसे दंगों में भीड़. यह साल जातीय दंगे का साल है, क्योंकि यह नौकरी दे नहीं सकते, भाव कम नहीं कर सकते, राजकीय अस्थिरता को कम नहीं कर सकते, राजकीय अमूल्यन हुआ है, यानी राजकीय स्तर गिर चुका है. मतलब यह ऐसी भीड़ इकट्ठा करते हैं और जब संभलता नहीं है तो फिर वह दंगे की शक्ल ले लेता है."


बीजेपी ने जताई आपत्ति 


जितेंद्र आव्हाड के इस बयान पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है. महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि एनसीपी नेता का यह बयान बेहद आपत्तिजनक है. उन्होंने कहा कि राम भक्तों का अपमान किया है और शायद उन्होंने तय कर लिया है कि दंगे होंगे. ऐसे मामलों में संवेदनशील होना चाहिए, ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिससे सनसनी पैदा हो.


माफी मांगने से इंकार


पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने अपने बयान पर माफी मांगने से इंकार करते हुए कहा कि मैं हिंदू हूं. कोई मुझे हिंदुत्व ना सिखाए, जो मैंने कल कहा था वह भी रिकॉर्ड पर है. फिलहाल जितेंद्र आव्हाड के रामनवमी और हनुमान जयंती के बारे में दिए गए आपत्तिजनक बयान के खिलाफ ठाणे पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है. इसके साथ ही बीजेपी इसका विरोध करते हुए सड़कों पर उतर चुकी है.


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